NSG Commando: देश के सबसे जांबाज और बहादुर जवानों में शुमार राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कमांडो की ट्रेनिंग किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होती। हर कदम पर खतरा और हर सांस में जज्बे के साथ, ये जांबाज देश की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे कोई जवान NSG कमांडो बनता है।
# NSG Commando: ऐसे तैयार होते हैं भारत के सबसे खतरनाक NSG कमांडो, जानें पूरी प्रक्रिया!
## NSG Commando: NSG कमांडो बनने की कठिन प्रक्रिया और चुनौतियाँ
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) भारत की एक विशिष्ट आतंकवाद विरोधी इकाई है, जिसे “ब्लैक कैट कमांडो” के नाम से भी जाना जाता है। इनका मुख्य कार्य देश के भीतर होने वाले आतंकवादी हमलों को विफल करना और बंधक संकट जैसी परिस्थितियों से निपटना है। इनकी ट्रेनिंग इतनी कठोर होती है कि केवल सबसे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत उम्मीदवार ही इसमें सफल हो पाते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
NSG में सीधी भर्ती नहीं होती है। इसमें भारतीय सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) से जवानों को चुना जाता है। उम्मीदवारों को अपने मूल बल में कम से कम कुछ साल की सेवा पूरी करनी होती है। शारीरिक मानदंड बहुत उच्च होते हैं। प्रारंभिक दौर में कठोर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परीक्षण शामिल होते हैं, जिसमें मानसिक दृढ़ता और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता का आकलन किया जाता है। यह Selection Process अत्यधिक प्रतिस्पर्धी होता है और इसमें उच्च सहनशक्ति, गति और सामरिक सोच की आवश्यकता होती है।
## NSG कमांडो का जीवन और उनका समर्पण
NSG कमांडो का प्रशिक्षण 14 महीने की अवधि के लिए चलता है। इसमें गहन शारीरिक कंडीशनिंग, हथियार प्रशिक्षण, युद्ध कला, और संचार कौशल शामिल हैं। दिन में 18 घंटे से अधिक की कठोर ट्रेनिंग होती है। इस चरण में विशिष्ट आतंकवाद विरोधी रणनीति, बंधक बचाव अभियान, विस्फोटक निपटान, और विशेष हथियार और उपकरण संचालन का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है। इस चरण में मनोवैज्ञानिक युद्ध और तनाव प्रबंधन भी महत्वपूर्ण हिस्से हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
कमांडो को विभिन्न प्रकार के हथियारों को चलाने, निहत्थे युद्ध में महारत हासिल करने और किसी भी वातावरण में जीवित रहने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। मानसिक दृढ़ता और टीम वर्क NSG कमांडो के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण गुण हैं।
* **महत्वपूर्ण योग्यताएँ:**
* भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।
* भारतीय सेना या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से होना चाहिए।
* न्यूनतम सेवा अवधि (आमतौर पर 3-5 वर्ष) पूरी की हो।
* उत्कृष्ट शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य।
* आयु सीमा: आमतौर पर 35 वर्ष से कम।
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NSG कमांडो का जीवन त्याग और समर्पण का प्रतीक है, जहां उन्हें देश की सेवा में अपना सर्वस्व न्योछावर करना होता है। आपको यह जानकर गर्व होगा कि आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



