back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 25, 2025

NSG Commando: देश के इन जांबाजों की तैयारी और चयन प्रक्रिया

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

NSG Commando: हर देश की सुरक्षा में कुछ ऐसे जांबाज होते हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बगैर देश की रक्षा के लिए हर चुनौती का सामना करते हैं। भारत में ऐसी ही एक विशिष्ट इकाई है राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), जिसे ब्लैक कैट कमांडो के नाम से भी जाना जाता है। यह बल देश के सबसे खतरनाक अभियानों को अंजाम देता है, जिसमें आतंकवाद विरोधी कार्रवाई, अपहरण विरोधी अभियान और बंधक बचाव मिशन शामिल हैं। इनके हर कदम पर खतरा होता है और हर सांस में देश सेवा का जज्बा भरा होता है।

- Advertisement -

NSG Commando: देश के इन जांबाजों की तैयारी और चयन प्रक्रिया

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) भारत की एक विशिष्ट आतंकवाद विरोधी इकाई है, जिसे 1984 में स्थापित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य देश को आंतरिक खतरों और आतंकवाद से बचाना है। NSG कमांडो को दुनिया के सबसे बेहतरीन प्रशिक्षित सैनिकों में से एक माना जाता है। इनकी ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है कि सिर्फ कुछ ही उम्मीदवार इसे पूरा कर पाते हैं। वे न केवल शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी बेहद दृढ़ होते हैं। यह उनके असाधारण प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण है।

- Advertisement -

एनएसजी कमांडो: जानें ब्लैक कैट कमांडो बनने की पूरी प्रक्रिया

एनएसजी कमांडो बनने की प्रक्रिया बेहद जटिल और कठोर होती है। यह दो चरणों में विभाजित होती है: प्रारंभिक चयन और नौ महीने का गहन प्रशिक्षण। अधिकांश उम्मीदवार भारतीय सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) से आते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। प्रारंभिक लेटेस्ट एजुकेशन और जॉब अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें चयन प्रक्रिया (selection process) में कई शारीरिक और मानसिक परीक्षण शामिल होते हैं, जिनमें सिर्फ सबसे योग्य उम्मीदवार ही आगे बढ़ पाते हैं।

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  बोर्ड परीक्षा 2024: बेहतर अंकों के लिए अपनाएं ये Exam Preparation Tips, पढ़ें एक्सपर्ट की सलाह

पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)

  • उम्मीदवार भारतीय सेना या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (BSF, CRPF, ITBP, SSB, CISF, Assam Rifles) से होना चाहिए।
  • आयु सीमा आमतौर पर 25 से 35 वर्ष के बीच होती है।
  • उम्मीदवार का रिकॉर्ड बेदाग होना चाहिए और उत्कृष्ट सेवा इतिहास होना चाहिए।
  • स्वयंसेवा के आधार पर आवेदन करना होता है।

प्रारंभिक चयन प्रक्रिया में 90 दिनों की कठोर शारीरिक और मानसिक दक्षता जांच शामिल होती है। इसमें उम्मीदवारों की सहनशक्ति, ताकत और मानसिक दृढ़ता का परीक्षण किया जाता है। पहले चरण में लगभग 20% उम्मीदवार ही सफल हो पाते हैं। जो उम्मीदवार प्रारंभिक चरण को पार कर लेते हैं, वे नौ महीने के विस्तृत और सबसे कठिन प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रवेश करते हैं।

प्रशिक्षण के प्रमुख चरण

  • शारीरिक और मानसिक तैयारी: इसमें कमांडो को उच्च तीव्रता वाले व्यायाम, बाधा कोर्स, क्रॉस-कंट्री रनिंग और बिना रुके 26 किलोमीटर की दौड़ शामिल है।
  • हथियार प्रशिक्षण: विभिन्न प्रकार के हथियारों को संभालने में महारत हासिल करना।
  • रणनीतिक प्रशिक्षण: बंधक बचाव, आतंकवाद विरोधी अभियान और शहरी युद्ध की रणनीतियां।
  • विस्फोटक और तोड़फोड़: विस्फोटकों का सुरक्षित उपयोग और तोड़फोड़ की तकनीकें।
  • सर्वाइवल स्किल्स: विपरीत परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए जंगल, रेगिस्तान और पहाड़ों में प्रशिक्षण।
यह भी पढ़ें:  बोर्ड परीक्षा में सफलता के लिए अपनाएं ये Exam Preparation Tips, पढ़ें एक्सपर्ट की सलाह

हर प्रशिक्षण मॉड्यूल को पास करने के लिए उम्मीदवारों को न्यूनतम 80% अंक प्राप्त करने होते हैं। किसी भी मॉड्यूल में असफल होने पर उन्हें बाहर कर दिया जाता है। इस प्रशिक्षण के दौरान, कमांडो को तनाव, नींद की कमी और शारीरिक पीड़ा झेलने के लिए तैयार किया जाता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

कठिन प्रशिक्षण और अनुशासन

एनएसजी कमांडो का प्रशिक्षण केवल शारीरिक क्षमता तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि इसमें मानसिक दृढ़ता और निर्णय लेने की क्षमता को भी निखारा जाता है। उन्हें दबाव में भी शांत रहने और त्वरित फैसले लेने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। इस दौरान उन्हें ‘मेक-या-ब्रेक’ परीक्षणों से गुजरना पड़ता है, जहां उनकी इच्छाशक्ति और सहनशक्ति की चरम सीमा तक परीक्षा ली जाती है। इस कठोर प्रशिक्षण का मुख्य लक्ष्य कमांडो को किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हर तरह से तैयार करना है।

एनएसजी कमांडो के लिए अनुशासन सर्वोपरि होता है। उनकी दिनचर्या बेहद सख्त होती है और उन्हें हर समय उच्च अलर्ट पर रहना पड़ता है। इन कमांडो की ट्रेनिंग उन्हें एक मशीन में बदल देती है, जो बिना किसी भावना के अपने मिशन को अंजाम दे सकता है। ये देश की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालने को हमेशा तैयार रहते हैं। उनकी निस्वार्थ सेवा और देश भक्ति ही उन्हें हमारे राष्ट्र के असली नायक बनाती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

दिल्ली में अब कोई भूखा नहीं सोएगा: अटल कैंटीन दिल्ली योजना का भव्य आगाज

भूख की तपती रेत पर उम्मीदों का मरूद्यान, दिल्ली की गलियों में अब कोई...

Rupali Ganguly ने Anupama के सेट पर सांता बनकर मचाया धमाल, वीडियो देख फैंस हुए लट्टू!

Rupali Ganguly News: टीवी की सबसे पसंदीदा बहू 'अनुपमा' यानी रूपाली गांगुली ने क्रिसमस...

बोर्ड परीक्षा में सफलता के लिए अपनाएं ये Exam Preparation Tips, पढ़ें एक्सपर्ट की सलाह

Exam Preparation Tips: बोर्ड परीक्षा में सफलता के लिए अपनाएं ये Exam Preparation Tips, पढ़ें...

सर्दियों में कार फॉग: सुरक्षित ड्राइविंग के लिए अपनाएं ये आसान ट्रिक्स

Car Fog: सर्दियों का मौसम आते ही वाहन चालकों के सामने एक आम लेकिन...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें