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दिसम्बर, 25, 2025

Urban Vanshavali Bihar: शहरी वंशावली बनवाना हुआ आसान, बिहार सरकार की नई पहल से नागरिकों को मिली राहत

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Urban Vanshavali Bihar: जमीन से जुड़े रिश्तों की उलझनें अब सुलझेंगी, क्योंकि बिहार में शहरी वंशावली बनवाना अब पहले से कहीं ज़्यादा आसान होने वाला है। सालों से नगर निगमों और परिषदों के चक्कर काटते लोग अब राहत की सांस ले सकेंगे।

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Urban Vanshavali Bihar: शहरी वंशावली बनवाना हुआ आसान, बिहार सरकार की नई पहल से नागरिकों को मिली राहत

Urban Vanshavali Bihar: क्या था पुराना तरीका और अब क्या बदला है?

बिहार के शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए वंशावली बनवाना अब तक एक बेहद जटिल, समय लेने वाली और थकाने वाली प्रक्रिया मानी जाती थी। नगर निगम, नगर परिषद या नगर पंचायत क्षेत्र में निवास करने वाले नागरिकों को पहले अपने वार्ड पार्षद के पास आवेदन देना होता था। इसके बाद, यह आवेदन नगर निकाय कार्यालय पहुंचता था, जहां से इसे आगे की प्रक्रिया के लिए भेजा जाता था। इस पूरी प्रक्रिया में अक्सर महीनों लग जाते थे, जिससे आम जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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इस पुरानी और बोझिल प्रक्रिया के कारण लोगों को अक्सर दलालों के चक्कर में फंसना पड़ता था और अनावश्यक देरी का सामना करना पड़ता था। वंशावली प्रमाण पत्र की आवश्यकता कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए होती है, जैसे संपत्ति का बंटवारा, उत्तराधिकार के मामले और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना। इसलिए, इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की लंबे समय से मांग थी।

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सरल वंशावली प्रक्रिया: जानें नए नियम

बिहार सरकार ने अब इस समस्या का समाधान ढूंढ निकाला है। नई व्यवस्था के तहत, शहरी वंशावली बनवाने की प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड और पारदर्शी बनाया गया है। अब नागरिक ऑनलाइन माध्यम से भी आवेदन कर सकेंगे, जिससे उन्हें सरकारी कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर वंशावली जारी करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे बिचौलियों की भूमिका भी समाप्त होगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

इस नई पहल से न केवल समय और ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी। अब आम आदमी आसानी से अपना वंशावली प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेगा। राजस्व विभाग के अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे आवेदनों को तेज़ी और सटीकता से निपट सकें। यह कदम सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

वंशावली बनवाने के लिए अब कुछ मूलभूत दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, जिनमें आवेदक का पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र और यदि आवश्यक हो तो संपत्ति से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। एक स्व-घोषित शपथ पत्र भी संलग्न करना पड़ सकता है। इन दस्तावेजों के आधार पर ही सत्यापन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

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नागरिकों को मिलेगी बड़ी राहत

इस सुधार से लाखों शहरी नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। अब उन्हें संपत्ति विवादों या पैतृक संपत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह एक ऐसा कदम है जिससे बिहार के शहरी प्रशासन में एक नई क्रांति आने की उम्मीद है। पारदर्शिता और गति ही इस नई प्रणाली की मुख्य पहचान होगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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