Bihar Land Mafia: कानून का शिकंजा जब कसता है, तो बड़े-बड़े सूरमा भी धड़ाम हो जाते हैं। बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब वही तस्वीर सामने आ रही है, जहां एक कुख्यात भूमाफिया की काली कमाई पर सरकार की पैनी नज़र टिक गई है।
सरकार की सख्ती और Bihar Land Mafia पर लगाम
Bihar Land Mafia: बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही भूमाफिया और बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई है। सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को जिन भू माफियाओं की संपत्तियां जब्त करने की सूची भेजी है, उसमें दरभंगा के कुख्यात भूमाफिया मोहम्मद रिजवान उर्फ़ राजा का नाम सबसे ऊपर है। रिजवान पर जमीन के अवैध कारोबार और धोखाधड़ी से जुड़े लगभग 32 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बहादुरपुर प्रखंड के मोदामपुर एकमीघाट निवासी मोहम्मद रिजवान फिलहाल जेल में बंद है। आरोप है कि उसने अवैध रूप से अर्जित अवैध संपत्ति पर एक आलीशान मकान बनवाया था, जिस पर उसने अपने नाम के साथ जदयू के तीर निशान वाली बड़ी तस्वीर भी लगवाई थी। यह कार्रवाई दर्शाता है कि राज्य सरकार अब किसी भी कीमत पर अपराध को बर्दाश्त नहीं करेगी, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
आरोपी के भाई का पक्ष और पीड़ित की आपबीती
इधर, आरोपी के भाई शम्स तबरेज ने मीडिया के सामने आकर अपने भाई के नाम पर किसी भी संपत्ति के होने से इनकार किया है। उन्होंने दावा किया कि जो संपत्ति दिखाई जा रही है, वह उनके पूर्वजों की है। शम्स तबरेज ने यह भी स्वीकार किया कि रिजवान जमीन के कारोबार में सक्रिय था, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि साफ-सुथरे कारोबार में भी कई बार झूठे आरोप लग जाते हैं। उन्होंने कई मामलों को साजिश का नतीजा बताया। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
वहीं, एक बड़े व्यवसायी पीड़ित ने सामने आकर मोहम्मद रिजवान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित के अनुसार, उन्होंने एक जमीन के बदले में 60 लाख रुपये दिए थे, जबकि कुल सौदा 5 करोड़ 60 लाख रुपये में तय हुआ था। इसके बावजूद, उसी जमीन पर रिजवान ने किसी दूसरे व्यक्ति से 1 करोड़ 40 लाख रुपये और उठा लिए। यह मामला वर्तमान में अदालत में विचाराधीन है। इस तरह की अवैध संपत्ति बनाने वाले अब कानून के दायरे में हैं।

सरकार द्वारा संपत्ति जब्ती की कार्रवाई आगे बढ़ने के बाद पीड़ितों में यह उम्मीद जगी है कि अदालत के फैसले के साथ उन्हें उनका पैसा वापस मिल सकता है। प्रशासन का मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से भविष्य में ऐसे अपराधियों पर लगाम लगेगी, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।





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