Bihar Crime News: बिहार में अपराध पर लगाम लगाने के दावों और जमीनी हकीकत के बीच की खाई दिनों-दिन चौड़ी होती जा रही है। ठीक वैसे ही जैसे कागज़ पर बनी तस्वीर और असलियत में ज़मीन आसमान का अंतर होता है। बिहार के गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने जब राज्य को ‘बदमाश मुक्त’ बनाने का ऐलान किया, तो उम्मीदों के पंख लग गए थे। लेकिन सत्ता के गलियारों से निकली यह आवाज जमीनी हकीकत की रेत पर ठहर न सकी।
बिहार क्राइम न्यूज़: दावों पर भारी पड़ती आपराधिक घटनाएं
बुधवार को गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने बड़े आत्मविश्वास के साथ कहा था कि बिहार जल्द ही बदमाशों से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। उनका यह बयान राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता था। लेकिन विडंबना देखिए कि इस घोषणा के चंद घंटों बाद ही अपराधियों ने उनके दावों को खुली चुनौती दे दी। समस्तीपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक स्थानीय नेता को बदमाशों ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। यह घटना न सिर्फ राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है, बल्कि गृह मंत्री के ‘बदमाश मुक्त बिहार’ के वादे की पोल भी खोलती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अपराधियों का यह दुस्साहस दिखाता है कि उन्हें पुलिस या कानून का कोई खौफ नहीं है। जहां एक ओर सरकार अपराध नियंत्रण के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर ग्राउंड जीरो पर बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण आम जनता और यहां तक कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं में भी भय का माहौल बनता जा रहा है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बिहार में कानून का राज स्थापित करना अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
सरकार की कार्यप्रणाली और पुलिस प्रशासन की ढिलाई पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आखिर कैसे गृह मंत्री के बयान के तत्काल बाद ऐसी गंभीर घटना घटित हो सकती है? यह घटना सीधे तौर पर पुलिस तंत्र की विफलता और अपराधियों के बुलंद हौसलों को दर्शाती है।
कानून व्यवस्था पर उठते सवाल
समस्तीपुर की यह वारदात एक बानगी भर है। पूरे राज्य में हत्या, लूट और रंगदारी जैसी घटनाओं का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। विपक्ष भी सरकार पर लगातार हमलावर है और राज्य में ‘जंगलराज’ की वापसी का आरोप लगा रहा है। गृह विभाग की जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास से लेकर सम्राट चौधरी को सौंपी गई है, ऐसे में उनसे अपेक्षाएं स्वाभाविक रूप से बढ़ गई हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अब सवाल यह उठता है कि क्या गृह मंत्री सम्राट चौधरी इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपट पाएंगे? क्या उनके पास ऐसी कोई ठोस रणनीति है, जिससे न सिर्फ अपराधियों पर लगाम लगाई जा सके, बल्कि जनता में सुरक्षा का विश्वास भी बहाल हो सके? देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/ इस प्रकार की घटनाएं सरकार की साख पर बट्टा लगाती हैं और जनता के भरोसे को कमजोर करती हैं। बिहार को वास्तव में ‘बदमाश मुक्त’ बनाने के लिए सिर्फ घोषणाएं काफी नहीं, बल्कि कड़े और निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



