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दिसम्बर, 25, 2025

भागलपुर में ‘बिहार लैंड रिफॉर्म’ का महाअभियान: अब नहीं होगी ज़मीन के मामलों में देरी, प्रधान सचिव का सख्त निर्देश

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Bihar Land Reform: धरती की रगों में फंसे विवादों का जाल, अब उस पर प्रहार करने की तैयारी है। बिहार में भूमि से जुड़े लंबित मामलों के त्वरित निपटारे का बिगुल बज चुका है, ताकि आमजन को राहत मिल सके। इसी कड़ी में, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल गुरुवार को भागलपुर पहुंचे। उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य ज़मीन संबंधी मामलों में हो रही देरी को खत्म कर, पारदर्शिता और गति लाना था।

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‘बिहार लैंड रिफॉर्म’: जमीनी हकीकत का जायजा और सख्त निर्देश

प्रधान सचिव ने जिला अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने भूमि सुधार, दाखिल-खारिज और राजस्व वसूली की वर्तमान स्थिति पर गहन चर्चा की। लंबित मामलों की संख्या और उनके निपटारे की धीमी गति पर उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे इन मामलों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब किसी भी स्तर पर अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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सूत्रों के अनुसार, प्रधान सचिव ने विशेष रूप से दाखिल-खारिज मामले के निपटारे में तेजी लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नागरिकों को भूमि संबंधी सेवाओं के लिए कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें, यह सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। अनियमितताओं पर लगाम कसने और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए भी कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए गए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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राजस्व वसूली के लक्ष्यों को प्राप्त करने और सरकार की आय बढ़ाने के उपायों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। प्रधान सचिव ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे एक तय समय-सीमा के भीतर सभी लंबित कार्यों को पूरा करें और दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पारदर्शिता और जवाबदेही पर ज़ोर

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भूमि विवादों को सुलझाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे। इसके तहत, हर अंचल में लंबित मामलों की सूची तैयार की जाएगी और उनका प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाएगा। प्रधान सचिव ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है कि आम लोगों को जमीन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिले और उन्हें अपनी भूमि के अधिकारों को लेकर किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

इसके अतिरिक्त, डिजिटल भू-अभिलेखों के अद्यतन और डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में भी तेजी लाने के निर्देश दिए गए। इसका उद्देश्य भूमि संबंधी धोखाधड़ी को कम करना और नागरिकों को घर बैठे अपनी भूमि से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराना है। प्रशासन अब इन निर्देशों को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहा है, ताकि ‘आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1’ के वादे पर खरा उतरा जा सके और राज्य में भूमि प्रशासन को सुदृढ़ किया जा सके।

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