Bhagalpur Old Age Home: जीवन की संध्या में अक्सर अकेलेपन की चादर ओढ़े बुजुर्गों के लिए त्योहारों का रंग फीका पड़ जाता है। लेकिन भागलपुर के सहारा वृद्धाश्रम में इस बार क्रिसमस ने कुछ ऐसी रौनक बिखेरी कि हर चेहरा खिल उठा, मानो बचपन लौट आया हो।
भागलपुर वृद्धाश्रम में उमंग और उल्लास का अद्भुत संगम
सामाजिक सुरक्षा निदेशालय, समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार के मार्गदर्शन में, भागलपुर में संचालित उमंग बाल विकास आवासीय दिव्यांग प्रशिक्षण संस्थान, पटना द्वारा संचालित ‘सहारा वृद्धाश्रम’ बुजुर्गों की सेवा में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। यह संस्थान केवल एक आश्रय नहीं, बल्कि एक ऐसा घर है जहाँ बुजुर्गों को सम्मान और स्नेह मिलता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यहां वर्तमान में 48 बुजुर्ग लाभार्थी जीवन यापन कर रहे हैं।25 दिसंबर, 2025 को सहारा वृद्धाश्रम में क्रिसमस का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। सभी बुजुर्गों और स्टाफ ने मिलकर इस उत्सव को यादगार बनाया। पूरा आश्रम गीत-संगीत और नृत्य की धुन से गुंजायमान हो उठा, जिसमें हर बुजुर्ग ने अपनी ऊर्जा और खुशी का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विशेष पकवानों का भी प्रबंध किया गया, जिसका सभी ने खूब आनंद लिया।अधीक्षक रंजन कुमार और सभी स्टाफ के अथक प्रयासों से यह आयोजन सफल रहा। पटना से संस्थान के सचिव सतीश कुमार जी भी वीडियो कॉल के माध्यम से जुड़े और बुजुर्गों के साथ क्रिसमस की खुशियां साझा कीं, ईश्वर से सभी के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की। यह पहल वास्तव में वृद्ध कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
समाज को प्रेरणा देता ‘सहारा’ का प्रयास
‘सहारा’ वृद्धाश्रम का यह आयोजन समाज को एक सकारात्मक संदेश देता है कि बुजुर्ग हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और उनकी खुशियां हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। ऐसे आयोजन न केवल बुजुर्गों के जीवन में रंग भरते हैं, बल्कि उन्हें यह अहसास भी कराते हैं कि वे अकेले नहीं हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह वृद्धाश्रम निस्वार्थ भाव से समाज सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है।समस्त लाभार्थियों और कर्मचारियों ने इस दिन को अविस्मरणीय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह आयोजन यह भी दर्शाता है कि कैसे सामाजिक संस्थाएं और सरकार मिलकर बुजुर्गों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




