Hate Speech India: चिंगारी से लगी आग, अब शोला बन धधक रही है, भारत के सामाजिक ताने-बाने को झुलसाने वाली ये लपटें गंभीर खतरे का संकेत दे रही हैं।
अल्पसंख्यकों के खिलाफ Hate Speech India में 74% वृद्धि, स्टालिन ने बताया ‘गंभीर खतरा’
Hate Speech India: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सत्ता में आने के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरती भाषणों में कथित तौर पर 74 प्रतिशत की वृद्धि का हवाला देते हुए इसे आगे आने वाले एक गंभीर खतरे का संकेत बताया है। उन्होंने गुरुवार को इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्रिसमस समारोह में भाग लेने के बावजूद, कुछ दक्षिणपंथी हिंसक समूहों द्वारा किए गए हमले देश को एक चिंताजनक संदेश देते हैं।
Hate Speech India: ‘बहुसंख्यकों’ के नाम पर हिंसा, चिंताजनक संदेश
स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री क्रिसमस समारोह में भाग ले रहे होते हैं, तब भी कुछ दक्षिणपंथी हिंसक समूह, बहुसंख्यक होने के नाम पर, हमले और दंगे करते हैं, तो यह देश को एक बेहद चिंताजनक संदेश देता है। उन्होंने जबलपुर और रायपुर में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि सद्भाव को महत्व देने वालों के लिए यह स्थिति अस्वीकार्य है। यह समझना बेहद जरूरी है कि यह सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि एक व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
स्टालिन ने इस बात पर जोर दिया कि मणिपुर के बाद जबलपुर, रायपुर और अन्य जगहों पर अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की खबरें सांप्रदायिक सौहार्द को महत्व देने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अस्वीकार्य हैं। केंद्र में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरती भाषणों में कथित तौर पर 74 प्रतिशत की वृद्धि आगे आने वाले गंभीर खतरे का संकेत देती है। इसलिए समाज को बांटने वाले दंगाई समूहों पर अंकुश लगाना एक साझा और अत्यावश्यक कर्तव्य है, जिसे दृढ़ संकल्प के साथ लागू किया जाना चाहिए। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/
सामुदायिक सद्भाव की अनदेखी: देश को बांटने वाले समूहों पर अंकुश क्यों जरूरी?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बहुसंख्यक की सच्ची ताकत और चरित्र अल्पसंख्यकों को भयमुक्त जीवन जीने देने में निहित है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक सद्भाव पर सवाल उठ रहे हैं और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भारत और विश्व के लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं और साथ ही भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, भारत रत्न मदन मोहन मालवीय और महाराजा बिजली पासी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। लखनऊ में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के इस दिन 25 दिसंबर को शहर प्रेरणा के एक नए स्रोत का साक्षी बन रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


