अंधेरी सुरंग में उम्मीद की किरण, सुरक्षाबलों ने फिर दी नक्सलियों को शिकस्त। ओडिशा नक्सल समाचार: राज्य में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता मिली है, जहां कंधमाल जिले में हुई एक भीषण मुठभेड़ में प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) के चार कुख्यात नक्सली ढेर हो गए, इनमें केंद्रीय समिति सदस्य गणेश उइके भी शामिल है। इस कार्रवाई के साथ ही पिछले तीन दिनों में मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़कर छह हो गई है, जो माओवादी संगठनों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
यह मुठभेड़ गंजाम और कंधमाल सीमा क्षेत्र में तब हुई जब सुरक्षाबलों को नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता खुफिया सूचना मिली। सूचना के आधार पर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), सीआरपीएफ, बीएसएफ और कंधमाल पुलिस की एक संयुक्त टीम ने इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू किया। गुरुवार सुबह अलग-अलग स्थानों पर रुक-रुक कर हुई गोलीबारी में चार नक्सली मारे गए।
मारे गए नक्सलियों में 69 वर्षीय गणेश उइके की पहचान हुई है, जो तेलंगाना के नलगोंडा जिले का निवासी था। संगठन में उसका अत्यधिक प्रभाव था और वह सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ ओडिशा में संगठन की गतिविधियों का प्रमुख संचालनकर्ता था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
ओडिशा नक्सल समाचार: माओवादी नेतृत्व पर कड़ा प्रहार
ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई. बी. खुरानिया ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि मुठभेड़ स्थल से दो इंसास राइफल और एक .303 राइफल बरामद की गई हैं। उन्होंने इस सफलता को माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका करार दिया, जिससे राज्य में उनकी गतिविधियों की कमर टूट गई है।
पिछले तीन वर्षों में सुरक्षाबलों ने खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर माओवादी नेतृत्व को लगातार निशाना बनाया है। कभी 21 केंद्रीय समिति सदस्यों वाला यह संगठन अब सिमटकर पांच से भी कम रह गया है। संगठन के भीतर नए कैडर तैयार करने में भी गंभीर दिक्कतें आ रही हैं, जिससे इनकी पकड़ कमजोर हो रही है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मुठभेड़ का विवरण और बरामदगी
इससे पहले, बुधवार को भी कंधमाल जिले के बेलघर थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो नक्सली मारे गए थे। अधिकारियों के अनुसार, इन दोनों मुठभेड़ों में किसी भी सुरक्षाकर्मी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है, जो सुरक्षाबलों की पेशेवर दक्षता को दर्शाता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कार्रवाई को नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने दोहराया कि देश 31 मार्च 2026 से पहले पूरी तरह नक्सल मुक्त होगा। शाह ने इसे “नक्सल मुक्त भारत” की दिशा में एक अहम और निर्णायक कदम करार दिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस सफल नक्सल विरोधी अभियान ने राज्य में शांति और सुरक्षा की उम्मीदें जगाई हैं।
नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
फिलहाल, मुठभेड़ स्थल और आसपास के जंगली इलाकों में सुरक्षाबलों का सघन तलाशी अभियान जारी है। सुरक्षा एजेंसियां आशंका जता रही हैं कि कुछ और नक्सली अभी भी जंगलों में छिपे हो सकते हैं, जिनकी तलाश में टीमें जुटी हुई हैं। सुरक्षाबलों की इस बहादुरी और दृढ़ संकल्प के कारण आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह सुनिश्चित करना चाहता है कि बिहार के लोगों तक सही ख़बर पहुंचे।




