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दिसम्बर, 26, 2025

बिहार में आंगनवाड़ी केंद्र अब खुलेंगे समय पर, सेविका-सहायिका की हाजिरी पर नई सख्ती

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Anganwadi Center News: सरकारी व्यवस्थाओं में अक्सर लेट-लतीफी और अनियमितता की शिकायतें आम रहती हैं। लेकिन अब बिहार के आंगनवाड़ी केंद्रों पर भी इस मनमानी पर लगाम लगने जा रही है, जहां डिजिटलीकरण का पहरा बिठाया जा रहा है।

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बिहार में आंगनवाड़ी केंद्र अब खुलेंगे समय पर, सेविका-सहायिका की हाजिरी पर नई सख्ती

आंगनवाड़ी केंद्र: अब नहीं चलेगी मनमानी

अब बिहार के आंगनवाड़ी केंद्रों पर समय पर ताला खुलने और बंद होने के साथ-साथ कर्मचारियों की उपस्थिति पर भी पैनी नज़र रखी जाएगी। समाज कल्याण विभाग ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। विभाग तक लगातार आंगनवाड़ी केंद्रों के समय पर न खुलने और सेविका-सहायिकाओं की अनुपस्थिति की शिकायतें पहुंच रही थीं, जिस पर अब लगाम कसी जाएगी। यह एक महत्वपूर्ण पहल है जिससे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।

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राज्य के सभी एक लाख चौदह हजार आंगनवाड़ी केंद्रों को जल्द ही बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली से जोड़ा जाएगा। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि केंद्र तय समय पर खुले और सभी कर्मचारी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। इससे न केवल कार्यप्रणाली में सुधार आएगा, बल्कि लाभार्थियों को भी सही समय पर योजनाओं का लाभ मिल पाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह व्यवस्था राज्य भर के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर लागू की जाएगी, जिससे कोई भी केंद्र मनमानी नहीं कर पाएगा।

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यह भी पढ़ें:  बिहार पॉलिटिक्स: डिप्टी सीएम विजय सिन्हा की 'जज' टिप्पणी पर गहराया विवाद, घेरे में सरकार

इस नई व्यवस्था के तहत, आंगनवाड़ी केंद्रों की सेविका-सहायिकाओं को भी अब बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली के माध्यम से अपनी हाजिरी बनानी होगी। इससे उनकी नियमितता और जवाबदेही तय होगी। समाज कल्याण विभाग का मानना है कि इस कदम से न केवल केंद्रों की कार्यक्षमता बढ़ेगी बल्कि लाभार्थियों, विशेषकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार आएगा।
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डिजिटलीकरण से आएगी पारदर्शिता

यह पहल बिहार सरकार की डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जिसका उद्देश्य सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। बायोमेट्रिक सिस्टम से जुड़ने के बाद, आंगनवाड़ी केंद्रों से संबंधित सभी जानकारी सीधे समाज कल्याण विभाग के पास पहुंचेगी, जिससे निगरानी और प्रबंधन पहले से कहीं अधिक प्रभावी हो जाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। विभाग के अधिकारी अब किसी भी केंद्र की वास्तविक स्थिति को आसानी से ट्रैक कर पाएंगे।

इस व्यवस्था के लागू होने से न केवल सेविका-सहायिकाओं की उपस्थिति सुनिश्चित होगी, बल्कि केंद्र के संचालन की समग्र गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। यह बच्चों के प्रारंभिक विकास और पोषण सुरक्षा के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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