back to top
⮜ शहर चुनें
दिसम्बर, 26, 2025

कश्मीर न्यूज़: मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने X प्रोफाइल से हटाया हुर्रियत चेयरमैन का पदनाम, क्या बदलेगी घाटी की सियासत?

spot_img
spot_img
- Advertisement - Advertisement

कश्मीर न्यूज़: Mirwaiz Umar Farooq: अब कश्मीर के उदारवादी अलगाववादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ‘ऑल पार्टीज़ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ के चेयरमैन पदनाम को हटाकर सबको चौंका दिया है।

- Advertisement -

मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ का डिजिटल बदलाव: एक बड़े संकेत की ओर इशारा?

- Advertisement -

मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ के ‘एक्स’ हैंडल की संपादित ‘बायो’ में अब केवल उनका नाम और मूल स्थान का विवरण है, जबकि उनके दो लाख से अधिक फ़ॉलोअर्स अभी भी बरकरार हैं। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम पर मीरवाइज़ की तत्काल कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है। यह तब हुआ है जब केंद्र सरकार ने मीरवाइज़ के संगठन ‘अवामी एक्शन कमेटी’ पर कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगा रखा है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

- Advertisement -
यह भी पढ़ें:  दिल्ली में अब कोई भूखा नहीं सोएगा: अटल कैंटीन दिल्ली योजना का भव्य आगाज

वर्ष 1993 में गठित ‘ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ (एपीएचसी) जम्मू-कश्मीर में विभिन्न अलगाववादी संगठनों का एक बड़ा समूह रहा है। अपने गठन के बाद से, इस मंच ने बड़े पैमाने पर बंद और राजनीतिक गोलबंदी के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे घाटी की राजनीति में इसका गहरा प्रभाव था।

हुर्रियत की घटती ताकत और केंद्र की सख्ती

हालांकि, पिछले एक दशक में, संगठन का दबदबा कई कारणों से कम हुआ है। इसमें आंतरिक कलह, विभिन्न धड़ों में टूट और सबसे महत्वपूर्ण, केंद्र सरकार की कार्रवाई शामिल है, जिसने अलगाववादी समूहों के प्रति अपने रवैये को काफी सख्त कर दिया है। सरकार ने ऐसे तत्वों पर नकेल कसने की नीति अपनाई है।

2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद, केंद्र ने एपीएचसी के अधिकांश सदस्य संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके परिणामस्वरूप, कई वरिष्ठ अलगाववादी नेता या तो कड़े कानूनों के तहत गिरफ्तार किए गए, उन पर मामले दर्ज किए गए, या वे पूरी तरह से सार्वजनिक गतिविधियों से दूर हो गए हैं। इस बदलाव ने अलगाववादी नेताओं की भूमिका को काफी हद तक सीमित कर दिया है।

यह भी पढ़ें:  Mumbai Building Fire: मुंबई की गगनचुंबी इमारत में भीषण आग, 40 लोग सुरक्षित निकाले गए

हुर्रियत ने वर्षों से कोई भी बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया है और न ही कोई संयुक्त आह्वान जारी किया है, जिससे कभी प्रभावशाली रहा यह संगठन ज़मीन पर काफी हद तक निष्क्रिय हो गया है। मीरवाइज़ 1993 में, मात्र 20 वर्ष की आयु में, हुर्रियत के चेयरमैन बने थे। यह उनके पिता मीरवाइज़ मौलवी फ़ारूक़ की हत्या के तीन साल बाद की बात है।

यह भी पढ़ें:  कंधमाल में सुरक्षाबलों का प्रचंड प्रहार, 6 नक्सली ढेर; शाह बोले- Anti-Naxal Operation से नक्सल मुक्त भारत की ओर बढ़ा देश

हाल के वर्षों में, Mirwaiz Umar Farooq ने सार्वजनिक तौर पर सीमित उपस्थिति बनाए रखी है, और ज़्यादातर धार्मिक उपदेशों तथा नागरिक स्वतंत्रता एवं मानवीय मुद्दों पर बयान देने पर ध्यान केंद्रित किया है। उनके इस कदम के बाद, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1, देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/ यह बदलाव बुधवार शाम को ही हुआ, इसलिए अब तक कोई राजनीतिक या आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, और इस घटना से कोई बड़ा राजनीतिक निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी।

- Advertisement -

जरूर पढ़ें

दिल्ली से पटना की Flight Bomb Threat: स्पाइसजेट की उड़ान में बम की धमकी, मचा हड़कंप!

Flight Bomb Threat: आसमान में मंडराता खतरा, एक ईमेल और देश की सुरक्षा एजेंसियां...

Delhi Patna Flight Bomb Threat: स्पाइसजेट की दिल्ली-पटना उड़ान को बम से उड़ाने की धमकी, एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट!

Delhi Patna Flight Bomb Threat: आकाश में मंडराता मौत का साया और ज़मीन पर...

अब ₹43,000 से कम में अपना बनाएं 65 inch Smart TV, फ्लिपकार्ट पर बंपर ऑफर!

65 inch Smart TV: फेस्टिव सीजन के बाद भी अगर आप अपने घर को...

अंक ज्योतिष 2026: मूलांक 4 वाले रखेंगे सफलता की मजबूत नींव

ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, नव वर्ष 2026 मूलांक 4 के जातकों के लिए एक...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें