Anganwadi Kendra Bihar: बिहार के आंगनवाड़ी केंद्रों में अब ‘टेक्नोलॉजी का ताला’ लगने जा रहा है, जो न सिर्फ उपस्थिति की पुरानी पद्धतियों पर विराम लगाएगा, बल्कि जमीनी स्तर पर सेवाओं को भी नई दिशा देगा।
Anganwadi Kendra Bihar: अब हाई-टेक होंगे बिहार के बिहार के आंगनबाड़ी केंद्र, सेविका-सहायिकाओं की उपस्थिति बनेगी बायोमेट्रिक!
## Anganwadi Kendra Bihar: 14 हजार केंद्रों पर लगेगा बायोमेट्रिक सिस्टम
बिहार के लगभग 14 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में अब एक बड़ा बदलाव आने वाला है। राज्य सरकार ने इन सभी केंद्रों को बायोमेट्रिक सिस्टम से जोड़ने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस पहल के साथ, आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका और सहायिका दोनों की उपस्थिति अब डिजिटल माध्यम से दर्ज की जाएगी, जिससे कार्यप्रणाली में अभूतपूर्व पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सकेगी। यह कदम सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने और लाभार्थियों तक उनकी पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह नया बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि केंद्र में कार्यरत स्टाफ अपनी ड्यूटी पर समय से उपस्थित रहें। इसका सीधा असर बच्चों के पोषण, टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ेगा। अक्सर शिकायतें मिलती थीं कि कुछ केंद्रों पर स्टाफ की अनियमित उपस्थिति से कामकाज प्रभावित होता है, लेकिन अब इस डिजिटल प्रणाली के लागू होने से ऐसी समस्याओं पर लगाम लग सकेगी।
राज्य सरकार का यह निर्णय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की दैनिक उपस्थिति को स्वचालित और त्रुटिरहित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल उपस्थिति को लेकर होने वाली धांधली पर रोक लगेगी, बल्कि केंद्रों के सुचारु संचालन को भी बढ़ावा मिलेगा।
## पारदर्शिता और दक्षता की नई सुबह
यह सिर्फ अटेंडेंस का मामला नहीं, बल्कि पूरे आंगनबाड़ी तंत्र को मजबूत करने की पहल है। बायोमेट्रिक प्रणाली लागू होने से लाभार्थियों को मिलने वाली सेवाओं की निगरानी भी आसान हो जाएगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। सरकार उम्मीद कर रही है कि इससे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य व पोषण से जुड़े कार्यक्रमों को और अधिक प्रभावी ढंग से चलाया जा सकेगा।
बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से मिली सटीक जानकारी का उपयोग भविष्य की नीतियों और योजनाओं के निर्माण में भी किया जाएगा, ताकि जमीनी स्तर पर आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझा जा सके और उसके अनुसार संसाधन आवंटित किए जा सकें। यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी सहायता सही मायने में जरूरतमंदों तक पहुंचे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
भविष्य में, इस प्रणाली को अन्य सरकारी योजनाओं के साथ एकीकृत करने की भी संभावना है, जिससे एक समग्र और मजबूत सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क का निर्माण हो सके। इस पहल से न केवल स्टाफ की जवाबदेही बढ़ेगी, बल्कि आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रति जनता का विश्वास भी और मजबूत होगा।





