भारतीय राजनीति के फलक पर कुछ नाम सिर्फ़ चेहरा नहीं, एक युग की पहचान बन जाते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे ही एक ध्रुव तारे थे, जिनकी दूरदर्शिता और मूल्यों पर आधारित राजनीति आज भी प्रासंगिक है। उनके विरासत को पीएम मोदी आगे बढ़ा रहे हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों को आगे बढ़ा रहे पीएम मोदी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन ने बीते दिनों एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विचारधारा और मूल्यों पर आधारित राजनीति के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से विकास और सुशासन के एक नए युग की नींव रखी। नवीन ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उसी दूरदर्शी दृष्टिकोण को साकार करने में लगे हैं।
यह अवसर था भाजपा मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की 101वीं जयंती पर आयोजित एक विशेष प्रदर्शनी का। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए नवीन ने देशवासियों और पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने के लिए ‘मिलकर काम करने’ का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यही अटल जी को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इस गरिमामय कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद अरुण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, राष्ट्रीय मीडिया सह-प्रभारी संजय मयूख सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। अटल जी के जीवन और उनकी नीतियों पर प्रकाश डालते हुए नवीन ने स्पष्ट किया कि उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने भारत में न केवल विकास, बल्कि सुशासन की भी नई परिभाषा गढ़ी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लोकतंत्र की संस्कृति और विकसित भारत का लक्ष्य
नवीन ने अटल बिहारी वाजपेयी को उस चेतना का प्रतीक बताया, जिसने लोकतंत्र को सिर्फ शोर मचाने की नहीं, बल्कि संवाद की संस्कृति सिखाई। उन्होंने कहा कि अटल जी का मानना था कि विचारों का आदान-प्रदान और सर्वसम्मति से निर्णय ही मजबूत लोकतंत्र की पहचान है।
भाजपा नेता ने यह भी रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा निर्धारित ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब हम सभी मिलकर काम करें। यह सामूहिक प्रयास ही अटल जी के सपनों को सही मायने में सम्मान देगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। नवीन ने यह भी कहा कि हर नागरिक का सक्रिय योगदान ही देश को उस ऊंचाई तक ले जाएगा, जिसका सपना अटल जी ने देखा था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।





