Threat to Governor: राजस्थान की सियासत में एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर एक ऐसी आग लगी है, जिसने पंजाब के राज्यपाल के गिरेबान तक हाथ पहुंचा दिया है। सवाल सम्मान का है और आरोप धमकियों का।
Threat to Governor: क्या है पूरा मामला?
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और धमकी भरी पोस्ट लिखने के मामले में राजस्थान पुलिस ने अपनी पड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि, राज्यपाल की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने स्वतः संज्ञान लिया है।
यह पूरा मामला क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज शेखावत की एक सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा है। शेखावत ने महाराणा प्रताप की विरासत को लेकर कटारिया की हालिया टिप्पणियों पर गहरी नाराजगी जाहिर की थी। उनकी पोस्ट में करणी सेना के सदस्यों से कटारिया पर हमला करने का सीधा आह्वान किया गया था, जिसने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। यह एक गंभीर मामला है और आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
उदयपुर जिले के गोगुंदा में 22 दिसंबर को एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल कटारिया ने कहा था कि महाराणा प्रताप की विरासत को “पहली बार भाजपा सरकार के शासन के दौरान ही सामने लाया गया।” उन्होंने यह भी दावा किया था कि उसी समय गोगुंदा, हल्दीघाटी और चावंड जैसे ऐतिहासिक स्थलों के विकास के लिए धनराशि भी जारी की गई थी। इन टिप्पणियों को लेकर ही विवाद गहराया है।
राज शेखावत और उनके संगठन ने राज्यपाल के इस बयान को महाराणा प्रताप की विरासत का अपमान बताया है। उनका कहना है कि महाराणा प्रताप का शौर्य और त्याग किसी एक दल की देन नहीं है, बल्कि वह सदियों से देश के गौरव का प्रतीक रहे हैं। करणी सेना ने इन बयानों को इतिहास से छेड़छाड़ करार दिया है।
उदयपुर के पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मामला पुलिस के संज्ञान में आ चुका है और इसकी गहनता से जांच की जा रही है। उन्होंने एक बार फिर स्पष्ट किया कि राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया या उनकी ओर से किसी ने भी अब तक कोई लिखित या औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
करणी सेना के तेवर और पुलिस की आगे की राह
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर इस तरह की धमकियां देना कानूनन अपराध है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस पोस्ट के पीछे कोई और मंशा तो नहीं थी। पुलिस साइबर क्राइम विशेषज्ञों की भी मदद ले रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यह घटना राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आई है, जहाँ राजपूत समाज से जुड़े संगठन लगातार विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं। महाराणा प्रताप की विरासत हमेशा से राजस्थान के लिए एक संवेदनशील और गौरवशाली विषय रही है। भविष्य में इस मामले का क्या रुख होगा, यह देखना बाकी है। पुलिस की जांच और राज्यपाल की संभावित शिकायत इस मामले की अगली दिशा तय करेगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




