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दिसम्बर, 26, 2025

भारतीय Billionaires in India: साल 2025 में किसकी हुई चांदी, कौन हुआ कंगाल?

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Billionaires in India: साल 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कई उतार-चढ़ावों और अप्रत्याशित मोड़ों से भरा रहा, जिसने देश के सबसे धनी परिवारों की संपत्ति पर सीधा असर डाला। जहां वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और सेक्टर विशेष के दबावों ने कुछ बड़े उद्योगपतियों की संपत्ति में सेंध लगाई, वहीं कुछ चुनिंदा अरबपतियों के लिए यह वर्ष एक वरदान साबित हुआ, जिसने उनकी नेटवर्थ में शानदार वृद्धि दर्ज की। यह समझना दिलचस्प है कि इस गतिशीलता ने भारतीय व्यापार परिदृश्य को कैसे नया आकार दिया।

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# भारतीय Billionaires in India: साल 2025 में किसकी हुई चांदी, कौन हुआ कंगाल?

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## Billionaires in India: अरबपतियों के पोर्टफोलियो पर 2025 का प्रभाव

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साल 2025 में जिन अरबपतियों की संपत्ति में सबसे ज्यादा उछाल आया, उनमें स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल का नाम सबसे आगे है। ArcelorMittal के मजबूत शेयर प्रदर्शन, बेहतरीन कारोबारी रणनीतियों और यूरोप की अनुकूल व्यापार नीतियों ने उनकी नेटवर्थ में जबरदस्त इजाफा किया। इसके साथ ही, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के लिए भी यह साल काफी फायदेमंद रहा। टेलीकॉम, रिटेल और ऊर्जा क्षेत्रों में रिलायंस के शानदार प्रदर्शन ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया और कंपनी के शेयरों को नई ऊंचाई दी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। रॉयल एनफील्ड की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री और निर्यात में वृद्धि के चलते आयशर मोटर्स के संस्थापक विक्रम लाल ने भी 2025 में बड़ा मुनाफा कमाया। आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल, उद्योगपति नुस्ली वाडिया और बैंकिंग सेक्टर के दिग्गज उदय कोटक भी उन नामों में शामिल हैं जिनकी संपत्ति में इस दौरान अच्छी बढ़ोतरी हुई। शेयर बाजार में इन कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन ने निवेशकों को भी खूब लुभाया।

दूसरी ओर, साल 2025 कुछ अरबपतियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, जहाँ उनकी संपत्ति में गिरावट दर्ज की गई। आरजे कॉर्प के चेयरमैन रवि जयपुरिया को इस सूची में सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा, जिसका मुख्य कारण बढ़ती टैक्स संबंधी चिंताएँ और बेवरेज सेक्टर में तीव्र प्रतिस्पर्धा थी। रियल एस्टेट सेक्टर की सुस्ती ने डीएलएफ के के.पी. सिंह और लोधा ग्रुप के मंगल प्रभात लोढ़ा की नेटवर्थ पर भी गहरा असर डाला। बड़े शहरों में प्रॉपर्टी की धीमी बिक्री और रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में कमजोरी ने उनकी संपत्तियों को प्रभावित किया। इसके अतिरिक्त, आईटी और फार्मा सेक्टर में दबाव के चलते साइरस पूनावाला, अजीम प्रेमजी, शिव नादर और दिलीप सांघवी जैसे दिग्गज उद्योगपतियों की संपत्तियों में भी उल्लेखनीय कमी आई।

## अडानी समूह: चुनौतियों और अवसरों के बीच एक रणनीतिक वर्ष

अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के लिए साल 2025 मिला-जुला, लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा। एक तरफ, समूह को वैश्विक जांच और कुछ अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ा, वहीं दूसरी ओर कई बड़े और निर्णायक कदमों ने अडानी समूह की दीर्घकालिक विकास कहानी को मजबूती दी। वर्ष 2025 के दौरान, समूह ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड जैसे रणनीतिक अधिग्रहण किए, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में उसकी स्थिति और सशक्त हुई। अडानी एयरपोर्ट्स के तहत संचालित हवाई अड्डों पर रिकॉर्ड यात्री संख्या दर्ज की गई, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।, जिसने विमानन व्यवसाय में समूह की मजबूत पकड़ को दर्शाया। इसके अलावा, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, डेटा सेंटर, ग्रीन एनर्जी और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े क्षेत्रों में 15 से 20 अरब डॉलर के बड़े निवेश की घोषणाओं ने निवेशकों और बाजार को स्पष्ट संकेत दिया कि अडानी समूह भविष्य के विकास पर आक्रामक लेकिन योजनाबद्ध तरीके से ध्यान केंद्रित कर रहा है। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

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सबसे अहम बात यह रही कि अमेरिकी एजेंसियों की जांच में क्लीन चिट मिलने के बाद अडानी समूह को लेकर बनी अनिश्चितता काफी हद तक दूर हुई, जिससे समूह की साख और भविष्य की संभावनाओं को लेकर बाजार का भरोसा दोबारा मजबूत हुआ। यह दर्शाता है कि चुनौतियों के बावजूद, मजबूत रणनीति और सही दिशा में किए गए निवेश से किसी भी व्यावसायिक समूह को सफलता मिल सकती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। कुल मिलाकर, 2025 अडानी समूह के लिए चुनौतियों और अवसरों का एक संतुलित वर्ष रहा, जिसने आगे के वर्षों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।

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