Right-wing extremism: जब देश की नींव में दरार आने लगे, और नफरत की आग हर ओर फैल जाए, तब सियासत के गलियारों से उठती आवाजें सरकारों को कटघरे में खड़ा करती हैं। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने हाल ही में क्रिसमस के अवसर पर ईसाइयों पर हुए लक्षित हमलों के बाद देश में बढ़ती दक्षिणपंथी उग्रवाद की प्रवृत्ति को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है।
बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में वर्ष 2002 का एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को यह सलाह देते हुए दिख रहे हैं कि जनता का प्रतिनिधि लोगों के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं कर सकता। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस गुजरात दंगों के ठीक बाद आयोजित की गई थी, जिसमें वाजपेयी ने ‘राजधर्म’ का पालन करने की बात कही थी।
अभिषेक बनर्जी ने दलितों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की बढ़ती घटनाओं को एक गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के सामाजिक माहौल को जानबूझकर दूषित किया जा रहा है और सत्ता से उत्साहित दक्षिणपंथी ताकतें धर्म की आड़ में दलितों, अनुसूचित जनजातियों और अल्पसंख्यकों पर खुलेआम हमला कर रही हैं। यह सब भय, लिंचिंग, धमकियों और नफरत के जरिए किया जा रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। ये अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ते हमलों का स्पष्ट संकेत है।
दक्षिणपंथी उग्रवाद और देश का बदलता माहौल
बनर्जी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब सत्ता में बैठे लोग ही हिंसा के अपराधी बन जाएं और हिंसा को बढ़ावा देने वालों को पुरस्कृत किया जाए, तो दंडमुक्ति अपने आप में एक नीति बन जाती है। उनके अनुसार, यह शासन का नहीं, बल्कि नैतिक पतन का संकेत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये हमले असंवैधानिक, अवैध हैं और देश की धर्मनिरपेक्ष नींव को पूरी तरह से खोखला कर देते हैं। इस तरह के अल्पसंख्यक हमलों से देश की अखंडता पर सवाल खड़े होते हैं।
उन्होंने कहा, “ये हमले असंवैधानिक, अवैध हैं और भारत की नींव – हमारी विविधता में एकता – को चकनाचूर कर देते हैं। आज चुप्पी साधना मिलीभगत के समान है, और इतिहास इसे कभी माफ नहीं करेगा।” देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/। ऐसी स्थितियों में जनता और सरकार दोनों की नैतिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
क्रिसमस पर हुए हमले और गिरफ्तारियां
अभिषेक बनर्जी की ये तीखी टिप्पणियां क्रिसमस समारोह के दौरान देश भर में दक्षिणपंथी ताकतों द्वारा कथित तोड़फोड़ और हमलों की विभिन्न घटनाओं के बाद सामने आई हैं। ऐसी ही एक घटना असम में दर्ज की गई, जहाँ पुलिस ने क्रिसमस समारोह से पहले सेंट मैरी इंग्लिश स्कूल की संपत्ति में तोड़फोड़ करने के आरोप में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
इन उपद्रवियों की पहचान भास्कर डे, ज्योति पडगिरी, बिजू दत्ता और नयन तालुकदार के रूप में हुई है, जिन्हें घटना के बाद असम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। यह घटना देश में धार्मिक सद्भाव बनाए रखने की चुनौती को उजागर करती है और सरकारों से ऐसे तत्वों पर नकेल कसने की मांग करती है।



