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दिसम्बर, 26, 2025

Bihar Land Mutation: बिहार के उपमुख्यमंत्री के गृह जिले समेत 10 जिलों में अटकी हजारों दाखिल-खारिज की फाइलें, जानें पूरा मामला

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Bihar Land Mutation: बिहार में जमीन के मामले ऐसे उलझते हैं, जैसे कोई कच्चा धागा। एक तरफ सरकार सुशासन का दावा करती है, तो दूसरी तरफ हज़ारों भू-मालिक अपनी ही संपत्ति के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

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Bihar Land Mutation: इन 10 जिलों में धीमी गति से चल रहा है दाखिल-खारिज

बिहार में भूमि संबंधी विवादों और समस्याओं की लंबी फेहरिस्त में ‘दाखिल-खारिज’ एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। आम आदमी के लिए अपनी जमीन का मालिकाना हक सुनिश्चित करना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 10 ऐसे जिलों की पहचान हुई है, जहां दाखिल-खारिज के मामलों को लटकाने में संबंधित अधिकारी सबसे आगे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का गृह जिला भी शामिल है। यह स्थिति सरकार के उन दावों पर सवाल उठाती है, जो भू-मालिकों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए किए जाते हैं। खास तौर पर जब Bihar Land Mutation जैसे संवेदनशील विषय पर इतनी ढिलाई बरती जाए। इन जिलों में हजारों आवेदन लंबित पड़े हैं, जिससे भू-मालिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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दाखिल-खारिज प्रक्रिया का धीमा होना न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, बल्कि आम लोगों के मन में सरकारी व्यवस्था के प्रति अविश्वास भी पैदा करता है। राजस्व विभाग की लापरवाही का खामियाजा सीधे तौर पर उन नागरिकों को भुगतना पड़ता है, जो अपनी पुश्तैनी जमीन का वैध दस्तावेजीकरण करवाना चाहते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। कई बार तो एक छोटे से काम के लिए भी लोगों को महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है।

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अधिकारियों की सुस्ती से बढ़ी लोगों की मुश्किलें

इन 10 जिलों की पहचान से यह स्पष्ट हो जाता है कि कहीं न कहीं प्रशासनिक स्तर पर ढिलाई बरती जा रही है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार को इन जिलों में विशेष अभियान चलाकर लंबित मामलों का निपटारा करवाना चाहिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह समय की मांग है कि भूमि सुधार के दावों को वास्तविकता में बदला जाए और भू-मालिकों को उनके कानूनी अधिकार सरलता से मिलें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह सुनिश्चित करना होगा कि राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार हो और किसी भी नागरिक को अपनी जमीन के दाखिल-खारिज के लिए अनावश्यक रूप से परेशान न होना पड़े।

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