Paush Purnima: हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है, यह दिन दान-पुण्य और पवित्र स्नान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस पावन अवसर पर दान करने से सूर्य देव और चंद्र देव दोनों की असीम कृपा प्राप्त होती है, जिससे साधकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आइए जानते हैं वर्ष 2026 की पौष पूर्णिमा पर किन-किन वस्तुओं का दान करना अत्यंत फलदायी होगा।
पौष पूर्णिमा 2026: दान से पाएं सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
पौष पूर्णिमा पर दान का महत्व
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष स्थान है, और जब यह पौष मास में आती है, तो इसका आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य देना और अपनी सामर्थ्य अनुसार दान करना अनंत पुण्य का भागी बनाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान कई जन्मों के पापों को धो देता है और व्यक्ति को मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
पौष पूर्णिमा के दिन दान के लिए निम्नलिखित वस्तुओं को विशेष रूप से शुभ माना गया है:
- अन्न दान: इस दिन चावल, गेहूं, दाल आदि अन्न का दान करने से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती। यह दान करने वाले के जीवन में समृद्धि लाता है।
- तिल दान: पौष पूर्णिमा पर तिल का दान करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इससे शनि देव और भगवान विष्णु दोनों प्रसन्न होते हैं, और व्यक्ति को रोग-दोष से मुक्ति मिलती है।
- वस्त्र दान: गरीबों और जरूरतमंदों को ऊनी वस्त्र या कंबल दान करना बहुत शुभ होता है, विशेषकर शीत ऋतु में। इससे चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है और मन को शांति मिलती है।
- घी दान: गाय के घी का दान करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। यह मानसिक शांति और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।
- गुड़ दान: सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए गुड़ का दान अत्यंत प्रभावी माना गया है। यह व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि करता है और जीवन में सफलता दिलाता है।
- जल दान: प्याऊ लगवाना या किसी गरीब को जल पिलाना भी एक महादान है, जिससे जीवन में शीतलता और शांति बनी रहती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इन वस्तुओं का दान करते समय पूर्ण श्रद्धा और भक्तिभाव रखना चाहिए। दान हमेशा अपनी कमाई के एक हिस्से से और निस्वार्थ भाव से करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल दान प्राप्त करने वाले का भला होता है, बल्कि दानकर्ता को भी आध्यात्मिक शांति और लौकिक सुखों की प्राप्ति होती है।
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पौष पूर्णिमा का यह पावन दिन हमें त्याग, दान और सेवा का संदेश देता है। इस दिन किए गए छोटे से छोटे दान का भी बहुत बड़ा फल प्राप्त होता है। अपने सामर्थ्य अनुसार दान कर आप न केवल अपने जीवन को बल्कि दूसरों के जीवन को भी प्रकाशित कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करें कि दान सत्वगुणों को बढ़ाए और मन को शुद्ध करे।


