Bhagalpur News: जिस तरह एक माहिर खिलाड़ी अपने दांव-पेंच से बाजी पलट देता है, कुछ वैसे ही बिहार के भागलपुर में एक ‘फर्जी अपहरण’ ने करोड़ों के परीक्षा घोटाले के एक बड़े खेल का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने न सिर्फ नकली अपहरण की गुत्थी सुलझाई, बल्कि उसके पीछे छिपी एक अंतर्राज्यीय गैंग का भी भंडाफोड़ किया है।
Bhagalpur News: दिल्ली पुलिस कांस्टेबल परीक्षा से जुड़ा है मामला
दिल्ली पुलिस कांस्टेबल परीक्षा से जुड़े एक चौंकाने वाले अपहरण मामले ने बिहार के भागलपुर में तूल पकड़ा था। शुरुआती जांच में यह एक सामान्य अपहरण लग रहा था, लेकिन पुलिस ने जब इसकी तहकीकात की, तो हैरान करने वाले खुलासे हुए। यह सिर्फ अपहरण नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये की ठगी और कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBT) में तकनीकी छेड़छाड़ करने वाले एक बड़े अंतर्राज्यीय गिरोह का सुनियोजित जाल था। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो इस पूरे रैकेट का हिस्सा थे। यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि जालसाज कैसे नई-नई तरकीबों से भोले-भाले अभ्यर्थियों को अपना शिकार बनाते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि इस गिरोह का नेटवर्क सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं था, बल्कि यह पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था। ये शातिर अपराधी दिल्ली पुलिस कांस्टेबल सहित कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाते थे। वे तकनीकी जानकारियों का दुरुपयोग कर ऑनलाइन परीक्षा धांधली को अंजाम देते थे, जिसमें सिस्टम हैक करना और रिमोट एक्सेस के जरिए सवालों के जवाब देना शामिल था।
कैसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फर्जी अपहरण की सूचना मिलते ही टीम सक्रिय हो गई थी। जांच के दौरान तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिरों की सूचना के आधार पर पुलिस ने गिरोह के सदस्यों तक पहुंच बनाई। यह खुलासा अपने आप में एक बड़ी सफलता है, क्योंकि ऐसे गिरोह आमतौर पर अपनी पहचान छिपाने में माहिर होते हैं। करोड़ों की ठगी के इस मामले में, अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर मोटी रकम वसूली जाती थी। कुछ मामलों में तो फेल होने पर भी पैसे वापस नहीं किए जाते थे। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस गिरोह के पर्दाफाश से ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं, और यह भी स्पष्ट हुआ है कि इसमें शामिल तकनीकी विशेषज्ञों को भी अब सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस अब इस गिरोह के बाकी सदस्यों और उनके वित्तीय नेटवर्क को खंगालने में जुटी है ताकि इस काले धंधे को पूरी तरह से बंद किया जा सके।



