Astrological Tips: सनातन धर्म में गौ सेवा को परम पुण्य का कार्य माना गया है। गौ माता में समस्त देवी-देवताओं का वास बताया गया है, इसलिए उन्हें भोजन कराना एक पवित्र कर्म है।
Astrological Tips: गाय को क्या खिलाना चाहिए और क्या नहीं, जानें शास्त्र सम्मत नियम
गाय को भोजन कराते समय Astrological Tips का रखें ध्यान
सनातन धर्म में गौ सेवा को परम पुण्य का कार्य माना गया है। गौ माता में समस्त देवी-देवताओं का वास बताया गया है, इसलिए उन्हें भोजन कराना एक पवित्र कर्म है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह एक ऐसा कार्य है जिससे व्यक्ति के जीवन के कई कष्ट दूर हो जाते हैं और ग्रहों की शांति भी होती है। परंतु क्या आपको पता है कि गाय को क्या खिलाना चाहिए और क्या नहीं? कई लोग अनजाने में गाय को ऐसा भोजन करा देते हैं, जो उन्हें खिलाना शास्त्र सम्मत नहीं होता और यह पुण्य के बजाय उल्टा प्रभाव भी दे सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि शास्त्रों में गौ माता को भोजन कराने के क्या नियम बताए गए हैं।
शास्त्रों और हमारी प्राचीन धार्मिक मान्यताएँ हमें सिखाती हैं कि गौ माता को हमेशा ताजा, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन ही देना चाहिए। उन्हें कभी भी जूठा, बासी, सड़ा-गला या दूषित भोजन नहीं खिलाना चाहिए। ऐसा करना गौ माता का अपमान माना जाता है और यह अनेक प्रकार की परेशानियों को न्योता दे सकता है। बासी भोजन खिलाने से न केवल गौ माता के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि इससे घर में दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा का वास भी हो सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। विशेषकर रोटी, चावल या किसी भी खाद्य पदार्थ को पहले स्वयं खाकर फिर बचा हुआ अंश गाय को देना अनुचित है।
गौ माता को हरी घास, ताजी रोटी (बिना किसी रसायन के), फल, गुड़ या चना जैसी चीजें खिलाना अत्यंत शुभ माना गया है। इससे घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। मान्यता है कि गाय को हरा चारा खिलाने से बुध ग्रह मजबूत होता है और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। वहीं, गुड़ खिलाने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और मान-सम्मान में वृद्धि होती है। रोटी पर थोड़ा घी लगाकर खिलाने से धन-धान्य की वृद्धि होती है।
इसलिए, जब भी आप गौ माता की सेवा करें, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उन्हें केवल पवित्र और ताजा भोजन ही अर्पित करें। यह पुण्य कर्म आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा और आपको आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होंगे। धर्म, व्रत और त्योहारों की संपूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।


