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दिसम्बर, 27, 2025

Darbhanga News: दरभंगा में अमर शहीद ऊधम सिंह समेत चार विभूतियों को वकीलों ने दी श्रद्धांजलि

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Darbhanga News: इतिहास के पन्नों में अमर कुछ नाम ऐसे होते हैं, जिनकी गाथाएं समय के साथ और भी मुखर हो उठती हैं। शुक्रवार को दरभंगा जिला बार एसोसिएशन भवन में ऐसे ही चार महान व्यक्तित्वों को नमन किया गया, जिनकी जीवनगाथाएं देश की सेवा और बलिदान से ओत-प्रोत हैं।

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Darbhanga News: दरभंगा में अमर शहीद ऊधम सिंह सहित चार विभूतियों को वकीलों ने दी श्रद्धांजलि

Darbhanga News: शहीदों और राष्ट्रनिर्माताओं का सम्मान

दरभंगा जिला बार एसोसिएशन भवन में बीते शुक्रवार को एक भावपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अमर शहीद ऊधम सिंह की जयंती और तीन अन्य महान विभूतियों, जिनमें महिला क्रांतिकारी वीना दास, प्रख्यात अधिवक्ता व पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा तथा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की पुण्यतिथि मनाई गई। इस विशेष अवसर पर, जिला बार एसोसिएशन के वकीलों ने इन सभी राष्ट्रनायकों के तैल चित्रों पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। यह श्रद्धांजलि समारोह अधिवक्ता रमन जी चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।

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इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिवक्ता अरुण कुमार चौधरी ने अमर शहीद ऊधम सिंह के अद्वितीय साहस का स्मरण किया। उन्होंने बताया कि ऊधम सिंह ने 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में हजारों निर्दोषों पर गोलियां चलवाने वाले क्रूर जनरल डायर को 13 मार्च, 1940 को लंदन में जाकर गोली मारकर अपने शहीदों का बदला लिया था। इस साहसिक कृत्य के लिए उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई, जिससे वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अमर हो गए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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जलियांवाला बाग से लेकर देश सेवा तक का सफर

अधिवक्ता चौधरी ने क्रांतिकारी वीना दास के योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि वीना दास ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्हें ब्रिटिश शासनकाल में बंगाल के गवर्नर पर गोली चलाने के आरोप में तीन वर्षों के लिए नजरबंद किया गया था। उनका बलिदान और समर्पण आज भी महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।

वहीं, प्रख्यात अधिवक्ता डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी वकालत छोड़ दी और पूर्ण रूप से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को समर्पित हो गए। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में भारत के राष्ट्रपति के रूप में देश की अहर्निश सेवा की। 26 दिसंबर, 1999 को उनका निधन हो गया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

डॉ. मनमोहन सिंह: एक अर्थशास्त्री से प्रधानमंत्री तक का सफ़र

कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बहुमुखी व्यक्तित्व और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को भी याद किया गया। एक प्रख्यात अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ वे अर्थशास्त्र के प्राध्यापक भी रहे। उन्होंने जिनेवा में सचिव उद्योग मंत्रालय, वित्त मंत्रालय में सलाहकार और योजना आयोग के उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए देश की सेवा की। इसके उपरांत उन्होंने वित्त मंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया, जिनकी आर्थिक नीतियों ने भारत को वैश्विक पटल पर एक नई पहचान दी। 26 दिसंबर, 2024 को उनका निधन हो गया। इस विशेष श्रद्धांजलि समारोह में कई अन्य अधिवक्ता भी उपस्थित रहे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

मौके पर उपस्थित अन्य अधिवक्ताओं में वीरेंद्र कुमार सिंह, माया शंकर चौधरी, नीतीश कुमार, नवीनेंद्र कुमार मिश्रा, रामबृक्ष सहनी, संतोष कुमार सिन्हा, ललन कुमार, ब्रजेश कुमार चौधरी, बुलन कुमार झा, संजय कुमार, कुलदीप दीवान और रणधीर कुमार चौधरी सहित प्रमोद शंकर चौधरी प्रमुख थे।

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