Bangladesh Minority Violence: सीमा पार से आ रही चीखों ने फिर भारत को विचलित कर दिया है। पड़ोसी मुल्क में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर कहर बरपाती कट्टरता की आग एक बार फिर सुर्खियों में है, जब भारत ने इस पर गहरी चिंता जताई है।
बांग्लादेश में बढ़ती Bangladesh Minority Violence: भारत ने जताई गहरी चिंता
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया: Bangladesh Minority Violence पर सख्त रुख
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हाल ही में हुई घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदायों के खिलाफ चरमपंथी तत्वों की शत्रुता लगातार जारी है, जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने मयमनसिंह में एक हिंदू युवक की नृशंस हत्या की कड़ी शब्दों में निंदा की और दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाने की मांग की। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत अपने पड़ोस में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। भारत ने बांग्लादेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के प्रति अपना समर्थन भी दोहराया है, जो लोकतंत्र की बहाली और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
हालिया घटनाएं: अल्पसंख्यकों पर बढ़ता अत्याचार
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जानलेवा हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजबारी जिले के हुसैनडांगा में हाल ही में एक और दर्दनाक घटना सामने आई, जहां 29 वर्षीय हिंदू युवक अमृत मंडल की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। सूत्रों के अनुसार, बुधवार देर रात अमृत अपने एक साथी सलीम शेख के साथ बाइक से जा रहा था, तभी ग्रामीणों ने उन पर घात लगाकर हमला किया। दोनों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। अमृत की गुरुवार तड़के इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि सलीम गंभीर रूप से घायल है। ग्रामीणों का आरोप था कि अमृत और सलीम गांव के शहीदुल से रंगदारी वसूलने आए थे और हल्ला मचने पर भागने की कोशिश कर रहे थे। बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न की यह घटनाएँ एक गंभीर चुनौती पेश कर रही हैं।
यह महज एक अकेली घटना नहीं है। एक सप्ताह के भीतर यह दूसरी ऐसी वारदात है जिसने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले 19 दिसंबर को मेमनसिंह में दंगाइयों की भीड़ ने ईश निंदा का आरोप लगाकर हिंदू दलित युवक दीपूचंद्र दास की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। भीड़ ने दीपूचंद्र के शव को पेड़ पर लटका कर जला दिया, जिसने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। ऐसी बर्बरतापूर्ण घटनाएँ न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि ये बांग्लादेश के सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर कर रही हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
न्याय और सुरक्षा की मांग
भारत ने इन घटनाओं पर अपनी चिंता स्पष्ट कर दी है और बांग्लादेश सरकार से इन मामलों में सख्त कार्रवाई करने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। यह आवश्यक है कि दोषियों को तुरंत पकड़ा जाए और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। बांग्लादेश को अपने सभी नागरिकों, विशेषकर कमजोर अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और गरिमा की रक्षा करनी चाहिए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




