India Global Power: धरती के गर्भ में सदियों से सुप्त पड़ी सभ्यता अब जाग रही है, ज्ञान और युवा ऊर्जा का अमृत कलश लेकर। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को इस विशाल संभावना पर प्रकाश डाला, जब उन्होंने कहा कि भारत अपनी सभ्यतागत शक्ति, ज्ञान की परंपराओं और अद्वितीय युवा जनसांख्यिकीय लाभ के दम पर विश्व में शीर्ष स्थान हासिल करेगा और एक वैश्विक महाशक्ति बनेगा।
भारत की ‘India Global Power’ बनने की यात्रा: नायडू का विज़न
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में भारतीय विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने इस सम्मेलन को भारत और भारतीयता की अवधारणा पर गहन विचार-विमर्श के लिए एक उपयुक्त मंच बताया। नायडू ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय विकास में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि आरएसएस भारतीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समाज में मूल्यों, नैतिकता और नैतिक आधार को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। भागवत भारत की मजबूत पारिवारिक व्यवस्था पर विशेष जोर देते हैं, जो सामाजिक सुरक्षा की एक अभेद्य दीवार प्रदान करती है। नायडू ने भागवत के जनसंख्या वृद्धि के आह्वान का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जहां कई देश बढ़ती उम्र की आबादी की चुनौती का सामना कर रहे हैं, वहीं भारत की जनसांख्यिकीय शक्ति एक प्रमुख संपत्ति बन गई है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अतुलनीय युवा शक्ति के साथ, भारत में विश्व का नेतृत्व करने की अदम्य क्षमता है।
संघ का योगदान और नैतिक मूल्यों की प्रतिष्ठा
नायडू ने भारत की प्राचीन वैज्ञानिक और बौद्धिक विरासत का भी जिक्र किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश प्राचीन काल से ही ज्ञान का एक महाशक्तिस्थल रहा है। उन्होंने उन्नत शहरी नियोजन के प्रारंभिक प्रमाण के रूप में हड़प्पा सभ्यता का उदाहरण दिया, जो दर्शाता है कि भारत में सुनियोजित शहरीकरण की अवधारणा सदियों पुरानी है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
उन्होंने बताया कि योग का अभ्यास भारत में लगभग 2,900 वर्ष पूर्व से होता आ रहा है और आज यह वैश्विक पटल पर 150 से अधिक देशों में अपनाया जा रहा है। यह हमारी समृद्ध भारतीय संस्कृति और ज्ञान परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो अब पूरे विश्व को राह दिखा रही है। यह दिखाता है कि भारत किस तरह अपनी पुरानी पहचान को नए संदर्भों में फिर से स्थापित कर रहा है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। नायडू के अनुसार, यही संयुक्त शक्ति, ज्ञान, युवा आबादी और सशक्त भारतीय संस्कृति भारत को वैश्विक मंच पर एक अजेय महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगी।




