Bihar Education News: जब शिक्षा के मंदिर में ही मनमानी की दीवारें खड़ी होने लगें, तो छात्रों और अभिभावकों का सब्र टूटना लाजिमी है। अब ऐसा ही कुछ नजारा प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय में देखने को मिल रहा है, जहाँ प्रधानाध्यापक पर गंभीर आरोप लगे हैं।
बिहार एजुकेशन न्यूज़: प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय में प्रधानाध्यापक की ‘मनमानी’ पर माले का अल्टीमेटम, 5 तारीख को सड़क जाम
बिहार एजुकेशन न्यूज़: प्रधानाध्यापक पर ‘अधिकारों के दुरुपयोग’ का आरोप
परियोजना बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर गंभीर मनमानी का आरोप लगा है। विद्यालय के संचालन में कथित तौर पर अनियमितताएं और शिक्षकों-छात्रों के प्रति असहयोगात्मक रवैये को लेकर स्थानीय लोगों और छात्रों में गहरा रोष व्याप्त है। इन आरोपों ने विद्यालय के शैक्षणिक माहौल पर सवालिया निशान लगा दिया है। आरोप है कि प्रधानाध्यापक अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं, जिससे न केवल पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो रही है बल्कि विद्यालय का समग्र अनुशासन भी बिगड़ रहा है।
इस मामले को लेकर अब राजनीतिक हस्तक्षेप भी शुरू हो गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (माले) ने प्रधानाध्यापक की कथित मनमानी के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है। संगठन ने आगामी 5 तारीख को सड़क जाम करने की चेतावनी दी है, यदि इन आरोपों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। माले नेताओं का कहना है कि वे छात्रों और अभिभावकों की आवाज को दबाने नहीं देंगे और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
स्थानीय निवासियों और अभिभावकों का कहना है कि प्रधानाध्यापक के खिलाफ शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने विद्यालय प्रशासन और शिक्षा विभाग से इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने और दोषी पाए जाने पर प्रधानाध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। छात्रों का भविष्य दांव पर है, ऐसे में यह आवश्यक है कि विद्यालय में सुचारु व्यवस्था बहाल की जाए।
शिक्षा विभाग की भूमिका और जन आंदोलन की तैयारी
यह मामला अब सिर्फ विद्यालय परिसर तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह एक बड़े जन आंदोलन का रूप ले रहा है। माले ने घोषणा की है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे 5 तारीख को सड़क जाम करेंगे, जिससे प्रशासन पर दबाव बनाया जा सके। उनका आरोप है कि शिक्षा विभाग ने भी इन शिकायतों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है, जिससे प्रधानाध्यापक की मनमानी को बढ़ावा मिला है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/।
माले के स्थानीय नेता ने बताया कि उन्होंने पहले भी कई बार इस मुद्दे को उठाया है और संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन देकर टाल दिया गया। अब वे निर्णायक लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह घटना उजागर करती है कि कैसे कई बार विद्यालय स्तर पर व्याप्त अनियमितताएं छात्रों के भविष्य को प्रभावित करते हैं और कैसे शिक्षा विभाग को इस पर और अधिक सक्रियता से ध्यान देने की आवश्यकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है और क्या छात्रों को न्याय मिल पाता है।


