Viksit Bharat: जैसे पुरानी म्यान में नई तलवार नहीं समाती, वैसे ही अब मनरेगा का कलेवर भी बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। दरभंगा के बहादुरपुर प्रखंड में शुक्रवार को आयोजित विशेष ग्राम सभाओं में ‘विकसित भारत रोजगार और आजीविका के लिए गारंटी मिशन (वीबी जी रामजी) अधिनियम 2025’ की रूपरेखा पेश की गई, जो ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने का माद्दा रखती है।
बहादुरपुर प्रखंड की उघड़ा ग्राम पंचायत में मुखिया शुभा देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी विनोद कुमार ने इस नई योजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह योजना विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय विजन का एक अभिन्न अंग है। इसका लक्ष्य सशक्तिकरण, विकास, अभिसरण और संतृप्ति के माध्यम से एक समृद्ध एवं सुदृढ़ ग्रामीण भारत का निर्माण करना है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस योजना के तहत उन सभी कुशल श्रमिकों को, जो काम करने के इच्छुक हैं, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के रोजगार की गारंटी प्रदान की जाएगी। यह मौजूदा 100 दिनों की सीमा से एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी है।
पदाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि योजना में जल सुरक्षा, मूलभूत अवसंरचना निर्माण, आजीविका संवर्धन और प्रतिकूल मौसम से निपटने वाले कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। योजना बनाते समय पंचायत की भौगोलिक स्थिति और शहरीकरण की ओर बढ़ते कदमों जैसे कारकों को भी ध्यान में रखा जाएगा, ताकि ग्रामीण विकास को एक नई दिशा मिल सके।
Viksit Bharat गारंटी मिशन 2025 की मुख्य बातें
ग्राम सभा में ग्रामीणों को योजना के क्रियान्वयन, इसके वित्तीय पोषण की पद्धति, राज्यों को मिलने वाले आवंटन और पारदर्शिता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी दी गई। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मजदूरों को उनके काम का भुगतान 15 दिनों के भीतर मिल जाए। इस बैठक में बेरोजगारी भत्ता और जवाबदेही तय करने के प्रावधानों पर भी चर्चा हुई। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। इस दौरान फर्जी मास्टर रोल और हाजिरी की समस्या से निपटने के लिए जीपीएस आधारित एनएमएमएस प्रणाली के उपयोग पर भी जोर दिया गया।
इस नई योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- मजदूरों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन के बजाय 125 दिनों का सुनिश्चित रोजगार मिलेगा।
- मजदूरी दर को मौजूदा ₹245 से बढ़ाकर ₹400 करने का प्रस्ताव है।
- जीपीएस आधारित मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) से हाजिरी बनेगी, जिससे फर्जीवाड़ा रुकेगा।
- कृषि के व्यस्त समय में काम करने की बाध्यता को समाप्त किया जाएगा।
- जल संरक्षण और जल सुरक्षा से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- काम पूरा होने के 15 दिनों के भीतर मजदूरों के खाते में भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
मजदूरों ने की ₹600 दिहाड़ी की मांग
इस अवसर पर पंचायत के पूर्व मुखिया नारायणजी झा ने कहा कि सरकार मनरेगा को नए रूप में लाकर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक सराहनीय कार्य कर रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने 125 दिनों की रोजगार गारंटी का स्वागत किया लेकिन महंगाई का जिक्र करते हुए मजदूरों की मजदूरी दर कम से कम ₹600 प्रतिदिन करने की मांग भी सरकार के समक्ष रखी।
पंचायत रोजगार सेवक राकेश कुमार के संचालन में आयोजित इस ग्राम सभा में पंचायत सचिव चंदन साह और कृष्ण मोहन झा ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर पंचायत सचिव गंगा साहू, हेमंत कुमार झा, रूपचंद्र सदा, मनोज पासवान, दिगम्बर पासवान, दयानंद साहू और नवीन कुमार झा सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। इसी तरह की एक विशेष ग्राम सभा का आयोजन रामभद्रपुर पंचायत में भी मुखिया चंद्रशेखर झा की अध्यक्षता में किया गया।


