अंधेरी रात में जुल्म के साये की तरह, पड़ोसी मुल्क में धार्मिक विद्वेष की आग फिर सुलग उठी है, जहां अल्पसंख्यकों की आहें हर गुजरते दिन के साथ गहरी हो रही हैं। Bangladesh Hindu persecution: भारतीय जनता पार्टी के नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर पड़ोसी देश की सरकार पर हिंदू विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया है, उनका कहना है कि पूरा हिंदू समुदाय खौफ के साये में जी रहा है।
Bangladesh Hindu persecution: आखिर क्यों डर के साये में जी रहा है अल्पसंख्यक समुदाय?
हुसैन ने साफ तौर पर कहा कि बांग्लादेश में हिंदू विरोधी मानसिकता वाली सरकार है, जो लगातार हिंदुओं को निशाना बना रही है। हाल ही में एक और हिंदू, दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। ये घटनाएं दिखाती हैं कि कैसे वहां सांप्रदायिक हिंसा का माहौल चरम पर है। पूरा हिंदू समुदाय अब भय और अनिश्चितता के बीच जीने को मजबूर है। हुसैन ने बांग्लादेश की इन हरकतों को अक्षम्य करार देते हुए कहा कि पड़ोसी देश को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसकी इन करतूतों से उसकी अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि को गहरा नुकसान पहुंचेगा। राजबारी के पांगशा उप-जिले के कालीमोहर संघ के होसेनडांगा गांव में अमृत मंडल नामक एक हिंदू युवक की जबरन वसूली के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने सूचना मिलते ही तत्काल कार्रवाई की और सम्राट को गंभीर हालत में बचाया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बांग्लादेश में लिंचिंग की लगातार घटनाएं, क्या है सरकार का रुख?
यह घटना बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में दीपू चंद्र दास की लिंचिंग और शव जलाने की भयावह घटना के कुछ ही दिनों बाद हुई है। 18 दिसंबर को एक कपड़ा कारखाने में काम करने वाले दीपू चंद्र दास को कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और उसके शव को लटकाकर आग लगा दी गई थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कारखाने के एक अधिकारी ने पुलिस को सूचना दी थी कि श्रमिकों के एक समूह ने दीपू पर कारखाने के अंदर हमला किया और उस पर फेसबुक पोस्ट में पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया। ये घटनाएं न केवल अल्पसंख्यकों के बीच डर पैदा कर रही हैं, बल्कि देश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को भी उजागर करती हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। ऐसी घटनाएं निश्चित रूप से बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष छवि पर एक काला धब्बा हैं और आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। वैश्विक मंच पर भी इन घटनाओं की निंदा हो रही है। सरकार को इन सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे और सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी नागरिक को उसकी धार्मिक पहचान के कारण निशाना न बनाया जाए। ये स्थिति बेहद गंभीर है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस पर ध्यान देना चाहिए।



