Air Pollution: पिछले तीन महीनों से देश की राजधानी दिल्ली गंभीर स्मॉग और वायु प्रदूषण की चपेट में है, जिसने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की पांच करोड़ से अधिक आबादी के जीवन को प्रभावित किया है। कई बार तो वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पार पहुँच गया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। यह समस्या अब सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे भारत के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है।
Air Pollution का बढ़ता आर्थिक बोझ
भारत की अर्थव्यवस्था पर वायु प्रदूषण का सीधा और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। कारखानों के बंद होने, श्रमिकों की उत्पादकता में कमी आने और स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते खर्च के कारण देश को हर साल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 3% नुकसान हो रहा है। यह आंकड़ा भारत के विकास के सपने के लिए एक बड़ा अवरोध है। जब आप रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें, तो आप समझेंगे कि कैसे पर्यावरणीय मुद्दे भी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करते हैं।
कभी बीजिंग भी ‘स्मॉग कैपिटल’ के नाम से जाना जाता था, जहां 2013 में AQI 755 तक पहुंच गया था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। लेकिन चीनी सरकार के पांच-वर्षीय वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना ने वहां के हालात को पूरी तरह से बदल दिया। चीन ने कड़े कदम उठाए, जैसे कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को बंद करना, उद्योगों पर सख्त उत्सर्जन मानक लागू करना और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक समग्र रणनीति की आवश्यकता है। दिल्ली के सामने भी ऐसी ही चुनौतियाँ हैं, जहाँ वाहनों से निकलने वाला धुआँ, औद्योगिक उत्सर्जन और पराली जलाना जैसे कारक स्मॉग को बढ़ाते हैं।
बीजिंग मॉडल: दिल्ली के लिए एक सीख?
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली, बीजिंग मॉडल से बहुत कुछ सीख सकती है। बीजिंग ने अपने प्रदूषण को कम करने के लिए न केवल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया, बल्कि सख्त नीतिगत बदलाव भी किए। भारत को भी दीर्घकालिक योजनाओं और उनके कठोर कार्यान्वयन की आवश्यकता है, ताकि प्रदूषण के इस संकट से निपटा जा सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
यदि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का अपना सपना साकार करना है, तो वायु प्रदूषण जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करना अनिवार्य है। स्वास्थ्य लागत को कम करना, उत्पादकता बढ़ाना और एक स्वच्छ वातावरण प्रदान करना न केवल नागरिकों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



