AI Jobs: भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर नौकरियों पर मंडराते खतरे की आशंका पश्चिमी देशों की तुलना में काफी कम है, और सरकार का भी यही मानना है कि देश में बड़े पैमाने पर रोजगार पर तत्काल कोई खतरा नहीं है।
AI Jobs: भारत में नौकरियों पर AI का कितना असर, जानें सरकार का क्या है कहना
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव के बावजूद, नौकरियों पर इसके नकारात्मक असर को लेकर चिंताएं पश्चिमी देशों की तुलना में कम मानी जा रही हैं। सरकार का स्पष्ट कहना है कि भारत की स्थिति इस मामले में बेहतर है और यहां बड़े पैमाने पर रोजगार पर तुरंत कोई खतरा नहीं है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। आईटी सचिव ने बताया कि भारत में डिजिटल बदलाव चरणबद्ध तरीके से होगा, जिससे लोगों को खुद को नई परिस्थितियों के अनुसार ढालने का पर्याप्त समय मिलेगा। सरकार, उद्योग जगत और शिक्षण संस्थान मिलकर कौशल विकास (Skill Development) पर काम कर रहे हैं, जिससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे बल्कि कामकाज की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
AI Jobs: भारत और पश्चिमी देशों में क्यों है फर्क?
आईटी सचिव एस. कृष्णन के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का असर पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में कम होने की कई वजहें हैं। पश्चिमी देशों में अधिकतर लोग दफ्तरों और सफेदपोश नौकरियों से जुड़े हैं, जहां AI तेजी से कई कामों को संभाल सकता है। वहीं, भारत में अब भी एक बड़ी आबादी तकनीकी सेवाओं और कौशल-आधारित कार्यों से जुड़ी है, जिनमें मानवीय हस्तक्षेप और विशेषज्ञता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत की सबसे बड़ी शक्ति उसकी STEM वर्कफोर्स है, जिसमें साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हैं। यह वर्कफोर्स भविष्य में AI से जुड़ी नई नौकरियों और तकनीकों को अपनाने और संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सरकार का मानना है कि AI इंसानों की जगह पूरी तरह नहीं लेगा, बल्कि उनके काम को अधिक कुशल और आसान बनाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। कई कार्यों में AI एक सहयोगी की तरह काम करेगा, लेकिन अंतिम निर्णय लेने और निगरानी की जिम्मेदारी हमेशा इंसानों के पास ही रहेगी।
आईटी सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि AI में अभी भी कुछ सीमाएं और कमियां हैं, जैसे कभी-कभी गलत जानकारी देना। ऐसे में, हर क्षेत्र में इंसानों की जरूरत बनी रहेगी ताकि AI द्वारा किए गए कार्यों की जांच की जा सके और सही व सटीक निर्णय लिए जा सकें।
नए अवसर और कौशल विकास की तैयारी
भविष्य में, सबसे अधिक नई नौकरियां AI से जुड़े नए एप्लिकेशन, सॉफ्टवेयर और विभिन्न सेक्टरों में इसके बढ़ते इस्तेमाल से पैदा होंगी। इसके लिए केवल कुछ विशेषज्ञों की नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होगी। सरकार का मुख्य ध्यान युवाओं को नए कौशल सिखाने पर है, ताकि वे आने वाले समय में AI-आधारित प्रणालियों के साथ प्रभावी ढंग से काम कर सकें। सही तैयारी और कौशल विकास (Skill Development) के साथ, AI भारत के लिए एक बड़े अवसर के रूप में सामने आ सकता है, न कि केवल एक खतरे के तौर पर। लेटेस्ट एजुकेशन और जॉब अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय युवा भविष्य की जॉब मार्केट के लिए तैयार रहें और देश की डिजिटल प्रगति में सक्रिय योगदान दे सकें।



