Lalu Prasad Yadav: बिहार की सियासत में ‘लालटेन’ का जलना और बुझना हमेशा एक कहानी कहता है। कभी इसी रोशनी में पूरा राज्य जगमगाता था, अब एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। बिहार की राजनीति का केंद्र रहा 10 सर्कुलर रोड स्थित बंगला अब इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रहा है। दशकों से लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का यह पता अब बदलने वाला है। सूत्रों की मानें तो लालू-राबड़ी परिवार ने इस बंगले से अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है।
इस बंगले को खाली करने की प्रक्रिया नोटिस मिलने के लगभग एक महीने बाद शुरू हुई है। यह कदम बिहार की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कभी इसी बंगले से बिहार की सरकारें चलती थीं और अहम फैसले लिए जाते थे। यह बंगला पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नाम से आवंटित था। अब इसका आवंटन रद्द कर दिया गया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Lalu Prasad Yadav के ‘सियासी घर’ का इतिहास
10 सर्कुलर रोड का यह पता केवल एक घर नहीं, बल्कि बिहार की राजनीतिक उथल-पुथल और शक्ति प्रदर्शन का गवाह रहा है। चारा घोटाला हो या अन्य राजनीतिक संकट, लालू प्रसाद यादव ने यहीं से अपनी रणनीति को अंजाम दिया है। इस परिसर में कई अहम बैठकें हुईं, राजनीतिक गठजोड़ बने और टूटे। परिवार के करीबी सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अपने सामान को नए आवास पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया की निगरानी कर रही हैं। दशकों से इस घर में रहने के बाद, यह उनके लिए भी एक भावनात्मक बदलाव है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/
फिलहाल, लालू-राबड़ी परिवार के नए ठिकाने को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि वे पटना में ही किसी अन्य आवास पर जाएंगे। इस बदलाव को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की भविष्य की रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बिहार की राजनीति में यह पहला मौका नहीं है जब किसी बड़े नेता को अपना सरकारी आवास छोड़ना पड़ा हो, लेकिन लालू परिवार के संदर्भ में इसका विशेष महत्व है। यह बंगला दशकों से न केवल उनके निवास स्थान के रूप में, बल्कि राजनीतिक तीर्थस्थल के रूप में भी जाना जाता था, जिसे आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। कई कार्यकर्ता दूर-दूर से यहीं आकर लालू जी से मुलाकात करते थे।
सियासी गलियारों में नई चर्चा
इस बदलाव से बिहार के सियासी गलियारों में एक नई बहस छिड़ गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू परिवार का 10 सर्कुलर रोड छोड़ना, भले ही एक प्रशासनिक प्रक्रिया हो, लेकिन इसके कई गहरे राजनीतिक निहितार्थ हो सकते हैं। राजद अब अपने संचालन के लिए एक नए केंद्र की तलाश में है, जो उनकी आगामी रणनीतियों को भी प्रभावित करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि लालू परिवार का नया ठिकाना बिहार की राजनीति में क्या रंग लाता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
फिलहाल, सामान शिफ्ट करने का काम तेजी से जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी अपने नए आवास में पूरी तरह से बस जाएंगे। बिहार की राजनीति में यह एक युग का अंत और नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।

