Rohtasgarh Ropeway News: बिहार की पर्यटन आकांक्षाओं को एक झटके में ध्वस्त कर दिया एक निर्माणाधीन रोपवे परियोजना ने, जब ट्रायल के दौरान ही पूरा ढांचा ज़मीन पर आ गिरा। यह सिर्फ़ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनहरे सपनों पर पानी फेरने वाली एक घटना है, जिसने भविष्य की योजनाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुआ रोहतासगढ़ रोपवे का यह बड़ा हादसा?
बिहार के रोहतास जिले में पर्यटन विकास की उम्मीदों से जुड़ी रोहतासगढ़ किला रोपवे परियोजना उस समय सवालों के घेरे में आ गई, जब ट्रायल के दौरान ही पूरा ढांचा धराशाही हो गया। कैमूर पहाड़ी पर स्थित ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किले तक पर्यटकों की आसान पहुंच के लिए बनाए जा रहे इस रोपवे का यह हश्र राज्य में आधारभूत संरचना परियोजनाओं की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है।
यह घटना रोहतासगढ़ किले के समीप घटित हुई, जहां इंजीनियरिंग की खामियां साफ तौर पर उजागर हुईं। बताया जा रहा है कि ट्रायल रन के दौरान ही रोपवे का पूरा सिस्टम, जिसमें टावर और केबल शामिल थे, अचानक टूटकर गिर गया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई बड़ा जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन परियोजना को करोड़ों का चूना लग गया।
इस दुर्भाग्यपूर्ण रोपवे दुर्घटना ने न केवल रोहतास बल्कि पूरे बिहार के पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है। इस तरह की घटनाएं निवेशकों के भरोसे को भी कमजोर करती हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। प्रशासन और संबंधित विभाग इस मामले की गहन जांच में जुट गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो। प्रशासन को इस रोपवे दुर्घटना के कारणों की गहराई से जांच करनी होगी।
यह परियोजना रोहतासगढ़ किले की दुर्गम पहुंच को आसान बनाने और पर्यटकों को लुभाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, लेकिन अब इसके भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में कुछ तकनीकी खामियां सामने आई हैं, जिनकी विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक महत्वपूर्ण सीख है कि विकास परियोजनाओं में गुणवत्ता और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। इस घटना ने निश्चित तौर पर राज्य की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिसे सुधारने में समय लगेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
क्या थी रोहतासगढ़ किले की यह परियोजना?
ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला कैमूर पहाड़ी पर लगभग 1500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह किला अपनी वास्तुकला और इतिहास के लिए जाना जाता है, लेकिन इसकी दुर्गम स्थिति के कारण पर्यटकों का यहां तक पहुंचना मुश्किल होता था। इसी समस्या को दूर करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोपवे परियोजना की कल्पना की गई थी। इस परियोजना से उम्मीद थी कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी और रोजगार के अवसर पैदा करेगी। हालांकि, वर्तमान स्थिति को देखते हुए, इन उम्मीदों को पूरा होने में अभी और लंबा समय लग सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।





