Patna Property Market: पटना की धरती पर जैसे विकास की बहार आई थी, वैसे ही अब संपत्ति बाजार की रफ्तार पर ब्रेक सा लग गया है। करोड़ों का राजस्व दांव पर है, और खरीदार भी असमंजस में हैं।Patna Property Market: बिहार की राजधानी पटना में जमीन और फ्लैट की खरीद-बिक्री की रफ्तार में इस साल भारी कमी दर्ज की गई है।
Patna Property Market में क्यों आई गिरावट?
पिछले साल की तुलना में इस साल दिसंबर तक हुई रजिस्ट्री में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिससे निबंधन विभाग को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। संपत्ति बाजार में यह सुस्ती कई कारणों से देखी जा रही है, जिनमें प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतें और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के सख्त नियम प्रमुख हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह स्थिति न केवल सरकार के खजाने पर असर डाल रही है, बल्कि आम खरीदारों और बिल्डरों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना काल के बाद रियल एस्टेट बाजार में एक उछाल देखने को मिला था, लेकिन अब यह थम सा गया है। खासकर आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों की मांग में कमी आई है। ऊंची कीमतें लोगों को निवेश करने से रोक रही हैं, जबकि रेरा के नए नियम पारदर्शिता तो ला रहे हैं, लेकिन कुछ हद तक परियोजनाओं को शुरू करने और बेचने की प्रक्रिया को जटिल भी बना रहे हैं। इस बीच, रियल एस्टेट बाजार की यह धीमी गति राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक चुनौती पेश कर रही है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/ आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
निबंधन विभाग के सूत्रों के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में जहां रिकॉर्ड राजस्व संग्रह हुआ था, वहीं इस साल यह लक्ष्य से काफी पीछे है। इस गिरावट का सीधा असर विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण पर भी पड़ सकता है। रियल एस्टेट बाजार के जानकारों के मुताबिक, आने वाले समय में कीमतों में कुछ स्थिरता या हल्की गिरावट भी देखी जा सकती है, जिससे खरीदारों को कुछ राहत मिल सकती है। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार और नियामक संस्थाएं मिलकर ऐसी नीतियां बनाएं जो रियल एस्टेट क्षेत्र को फिर से गति दे सकें।
राजस्व पर पड़ा असर और भविष्य की संभावनाएं
पटना जैसे तेजी से विकसित हो रहे शहर के लिए संपत्ति बाजार का धीमा पड़ना चिंता का विषय है। यहां निवेश के अवसर तो प्रचुर हैं, लेकिन सही संतुलन और नियामक ढांचा आवश्यक है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। सरकार को इस दिशा में कदम उठाने होंगे ताकि भूमि और फ्लैट की खरीद-बिक्री में एक बार फिर तेजी लाई जा सके और राज्य के विकास को गति मिल सके। आगामी महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बाजार फिर से अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ पाता है या नहीं।



