Chhapra News: जीवन बचाने वाली लौ जब जान लेने पर उतारू हो जाए, तो मंज़र भयावह हो उठता है। छपरा की यह घटना ऐसी ही काली सच्चाई बयां करती है, जहां ठंड से बचने का प्रयास एक परिवार के लिए मौत का पैगाम बन गया।
Chhapra News: सारण जिले के छपरा में ठंड से बचने के लिए जलाई गई अंगीठी एक परिवार के लिए काल बन गई। बंद कमरे में दम घुटने से तीन मासूम बच्चों और उनकी नानी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। इस हृदय विदारक घटना से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई। अत्यधिक ठंड के कारण परिवार के सदस्यों ने रात में कमरे को गर्म रखने के लिए अंगीठी जलाई थी। लेकिन, शायद उन्हें इस बात का इल्म नहीं था कि बंद कमरे में जली अंगीठी किस कदर खतरनाक साबित हो सकती है। कमरे में वेंटिलेशन न होने के कारण धुआं और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भर गई, जिसने सो रहे परिवार को अपनी चपेट में ले लिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Chhapra News: कैसे हुई यह दर्दनाक घटना?
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि बंद कमरे में अंगीठी या हीटर जलाने से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें बनती हैं, जो धीरे-धीरे व्यक्ति को बेहोश कर देती हैं और अंततः मौत का कारण बनती हैं। यह घटना ठंड से बचाव में बरती जाने वाली लापरवाही का भयावह उदाहरण है।
ठंड से बचाव के लिए बरतें सावधानी
इस घटना ने एक बार फिर यह सीख दी है कि ठंड से बचाव के लिए सतर्कता बरतना कितना आवश्यक है। कभी भी बंद कमरे में अंगीठी, हीटर या कोयला नहीं जलाना चाहिए। यदि ऐसा करना आवश्यक हो तो कमरे में पर्याप्त वेंटिलेशन का इंतजाम जरूर करें। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता ही एकमात्र उपाय है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। यह बेहद दुखद घटना है, जो लापरवाही के गंभीर परिणामों को दर्शाती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ठंड से बचाव के लिए सुरक्षित तरीकों का ही इस्तेमाल करें और किसी भी कीमत पर अपनी जान जोखिम में न डालें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



