MNREGA News: जब गरीबों की रीढ़ तोड़ने की कोशिश हो, तो विपक्ष का मुखर होना स्वाभाविक है। मनरेगा, जो कभी ग्रामीण भारत की धड़कन थी, आज उस पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसी मुद्दे पर राष्ट्रीय अभियान छेड़ने का आह्वान किया है।
MNREGA News: मनरेगा को बचाने के लिए खरगे का हुंकार, मोदी सरकार पर बोला हमला, कहा- गरीबों के पेट पर लात मारी
MNREGA News: मनरेगा को निरस्त करने पर खरगे का राष्ट्रीय अभियान का आह्वान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को रद्द करने के खिलाफ एक मजबूत राष्ट्रीय अभियान चलाने का आह्वान किया है। उन्होंने इस कदम को गरीबों और कमजोर तबके के लोगों पर हमला बताया है। खरगे ने मनरेगा की तुलना विवादास्पद कृषि कानूनों से की, जिन्हें व्यापक जन आक्रोश के बाद वापस लेना पड़ा था, और संकेत दिया कि मनरेगा के मामले में भी ऐसी ही प्रतिक्रिया अपेक्षित है।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अपनी बात रखते हुए खरगे ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की और कहा कि यह मुद्दा पूरे भारत के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने पार्टी नेताओं से आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसने का आह्वान करते हुए कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की एक सुनियोजित साजिश है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है कि कांग्रेस के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से न हटाए जाएं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। खरगे ने बैठक में कहा कि हम आज ऐसे मोड़ पर एकत्र हुए हैं, जब देश में लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों के अधिकारों पर चौतरफा गंभीर संकट छाया हुआ है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि संसद के हालिया शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने मनरेगा को प्रभावी ढंग से समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों को बेसहारा कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह गरीबों के पेट पर लात मारने जैसा है और उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया है। खरगे ने मोदी सरकार पर काम के अधिकार पर एक सुनियोजित और क्रूर हमला करने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार की चिंता गरीबों की भलाई नहीं, बल्कि मुट्ठी भर बड़े पूंजीपतियों के मुनाफे की है। मनरेगा, जो यूपीए सरकार का एक दूरदर्शी कदम था, उसे पूरे विश्व में एक सफल ग्रामीण रोज़गार कार्यक्रम के रूप में सराहा गया था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
ग्रामीण भारत की बदलती तस्वीर और मनरेगा की भूमिका
वरिष्ठ नेता खरगे ने आगे कहा कि इस योजना ने वास्तव में ग्रामीण भारत का कायापलट कर दिया। यह विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बनकर उभरा, जिसने बड़े पैमाने पर पलायन को रोका और गांवों को अकाल, भूख व शोषण से मुक्ति दिलाई। इस योजना ने दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और भूमिहीन मजदूरों को यह विश्वास दिलाया कि गरीबी के खिलाफ उनकी लड़ाई में सरकार उनके साथ है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार ने बिना किसी गहन अध्ययन, मूल्यांकन, या राज्यों और राजनीतिक दलों के साथ परामर्श के, मनरेगा को समाप्त कर एक नया कानून थोप दिया है। खरगे ने इस कार्रवाई की तुलना पूर्व में लागू किए गए तीन ‘काले कृषि कानूनों’ से की, जिन्हें भारी विरोध के बाद वापस लेना पड़ा था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




