Bihar Politics: बिहार में विकास की किरणें जब ढलान पर आती हैं, तो अक्सर सियासत का पहाड़ खड़ा हो जाता है। रोहतास में 13.65 करोड़ की लागत से बने रोपवे के ट्रायल के दौरान हुई घटना ने एक बार फिर इस कड़वी सच्चाई को उजागर किया है।
Bihar Politics: रोहतास रोपवे हादसे के बाद बिहार की सियासत में भूचाल, विपक्ष हमलावर
बिहार पॉलिटिक्स: रोहतास में क्या हुआ?
रोहतास जिले में हाल ही में 13.65 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित रोपवे का ट्रायल चल रहा था, तभी एक अप्रत्याशित घटना घट गई। ट्रायल के दौरान रोपवे का एक हिस्सा अचानक ढह गया, जिससे एक बड़ा हादसा होते-होते बचा। सौभाग्य से, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इसने निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
इस घटना ने बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का सीधा आरोप लगाया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा है कि यह करोड़ों रुपये के घोटाले का सीधा उदाहरण है। उनका कहना है कि अगर समय रहते रोपवे सेफ्टी मानकों पर ध्यान दिया गया होता तो ऐसी नौबत नहीं आती। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार जनता के पैसे की बर्बादी कर रही है और विकास परियोजनाओं में पारदर्शिता की कमी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मामले में जो भी दोषी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए, चाहे वे अधिकारी हों या ठेकेदार।
सरकार का पक्ष और आश्वासन
वहीं, इस घटना पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपना रुख स्पष्ट किया है। भाजपा के नेताओं ने आश्वासन दिया है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित ठेकेदार से ही रोपवे का निर्माण दोबारा करवाया जाएगा और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार का दावा है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह घटना केवल एक रोपवे के गिरने का मामला नहीं है, बल्कि यह राज्य में चल रही विकास परियोजनाओं की गुणवत्ता और जवाबदेही पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है। यह देखना बाकी है कि सरकार इस मामले पर कितनी तत्परता से कार्रवाई करती है और क्या भविष्य में ऐसी परियोजनाओं में रोपवे सेफ्टी सुनिश्चित की जा पाती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह घटना बिहार की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण सबक हो सकती है।


