सुकेश चंद्रशेखर: तिहाड़ की सलाखों के पीछे से निकला एक ऐसा प्रस्ताव, जिसने 200 करोड़ की वसूली के मामले में नया मोड़ ला दिया है। यह एक ऐसा दांव है जो खुद को बचाने की कोशिश है या हकीकत का सामना?
# 200 करोड़ के वसूली कांड में नया मोड़: सुकेश चंद्रशेखर ने किया 217 करोड़ का प्रस्ताव!
## सुकेश चंद्रशेखर का प्रस्ताव: क्या है इस पेशकश के पीछे की सच्चाई?
पटियाला हाउस कोर्ट में जेल में बंद आरोपी सुकेश चंद्रशेखर ने शिकायतकर्ता अदिति सिंह को 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के मामले में 217 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। यह आवेदन उनके वकील अनंत मलिक के माध्यम से दायर किया गया है और इसमें स्पष्ट किया गया है कि यह पेशकश चंद्रशेखर के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना की गई है और इसे अपराध स्वीकार करना नहीं माना जाएगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। मामले की सुनवाई 3 जनवरी, 2026 को होनी है। इस आवेदन में दोनों पक्षों को नई दिल्ली के लोधी कॉलोनी स्थित विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर समझौता करने की अनुमति मांगी गई है।
न्यायिक हिरासत में रह रहे सुकेश चंद्रशेखर ने अदालत से अनुरोध किया है कि शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर इस बात को दर्ज किया जाए कि समझौता प्रस्ताव वास्तविक है और उनकी सहमति के अधीन है। दिल्ली पुलिस ने सुकेश चंद्रशेखर पर रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह और मालविंदर सिंह की पत्नियों से 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें https://deshajtimes.com/news/national/ उनके खिलाफ देशभर में विभिन्न जांचें जारी हैं।
## जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप
इस जबरन वसूली मामले में दिल्ली पुलिस ने सुकेश चंद्रशेखर और उनके सहयोगी ए. पॉलोस को गिरफ्तार किया है। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत भी कार्यवाही चल रही है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी जांच की जा रही है। इस मामले में पुलिस ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) भी लगाया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, चंद्रशेखर, पॉलोस और अन्य आरोपियों ने अपराध से मिली रकम को छिपाने के लिए कथित तौर पर हवाला चैनलों और फर्जी कंपनियों के एक बड़े नेटवर्क का इस्तेमाल किया। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच में इस नेटवर्क के जरिए करोड़ों के लेनदेन का खुलासा हुआ है। अदालत को अभी तक इस समझौता आवेदन पर कोई आदेश देना बाकी है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




