Startup Closure: साल 2025 भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक निर्णायक वर्ष साबित हुआ, जहां एक ओर नवाचार और उद्यमिता की नई कहानियाँ गढ़ी गईं, वहीं दूसरी ओर कई स्थापित और महत्वाकांक्षी स्टार्टअप्स को बदलते बाजार परिदृश्य और पूंजी जुटाने की चुनौतियों के कारण अपने परिचालन पर विराम लगाना पड़ा। यह न केवल वित्तीय अस्थिरता का संकेत था बल्कि प्रतिस्पर्धात्मक दबाव और नियामक परिवर्तनों का भी परिणाम था, जिसने इन कंपनियों के भविष्य को अनिश्चित बना दिया। लंबी अवधि तक निवेश की तलाश में रहने के बाद जब आवश्यक पूंजी नहीं जुट पाई, तो कई प्रमुख नामों को अपनी सेवाएं बंद करनी पड़ीं।
2025 में बड़े Startup Closure: इन दिग्गज स्टार्टअप्स को कहना पड़ा अलविदा
2025 में प्रमुख Startup Closure और उनके कारण
2025 भारतीय स्टार्टअप्स के लिए चुनौतियों भरा रहा, जहां फंडिंग के अभाव और बाजार की कठोर प्रतिस्पर्धा ने कई कंपनियों को असमय बंद होने पर मजबूर किया। आइए जानते हैं उन प्रमुख स्टार्टअप्स के बारे में जिन्होंने इस साल अपने दरवाजे बंद कर दिए।
Hike, जिसे कभी भारत का अपना मैसेजिंग ऐप माना जाता था, इसकी शुरुआत 2012 में भारती मित्तल के बेटे केविन मित्तल ने की थी। WhatsApp और टेलीग्राम जैसे वैश्विक दिग्गजों को चुनौती देने के लक्ष्य के साथ, Hike ने शुरुआती चार सालों में टाइगर ग्लोबल, सॉफ्टबैंक और टेनसेंट जैसे बड़े वेंचर कैपिटल फर्म्स से 25 करोड़ डॉलर का भारी-भरकम स्टार्टअप फंडिंग जुटाई थी। हालांकि, 2021 तक तीव्र प्रतिस्पर्धा के कारण इसकी मैसेजिंग सेवाएं बंद हो गईं। इसके बाद कंपनी ने मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन सितंबर 2025 में सरकार द्वारा रियल मनी गेमिंग ऐप्स पर पूर्ण प्रतिबंध के बाद, Hike ने अपना परिचालन पूरी तरह से बंद कर दिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
हाइपरलोकल डिलीवरी सेगमेंट में Dunzo भारत के अग्रणी स्टार्टअप्स में से एक था। 2022 में, कंपनी ने रिलायंस रिटेल से 24 करोड़ डॉलर की बड़ी फंडिंग हासिल की थी। इसके बावजूद, बाजार में Zepto, Swiggy Instamart और Blinkit जैसे नए और आक्रामक खिलाड़ियों के आगमन ने Dunzo की बाजार हिस्सेदारी को गंभीर रूप से प्रभावित किया। कड़ी प्रतिस्पर्धा और ऑपरेशनल चुनौतियों के कारण, Dunzo का सफर 2025 में समाप्त हो गया। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
लॉकडाउन के दौरान 2020 में लॉन्च हुआ Otipy, एक सब्सक्रिप्शन-आधारित ग्रोसरी डिलीवरी सेवा प्रदान करता था। हालांकि, यह अभिनव मॉडल भी पर्याप्त फंड जुटाने में विफल रहा। पूंजी की कमी अंततः इसके पतन का कारण बनी, और 2025 में Otipy ने भी अपना परिचालन बंद कर दिया।
2019 में स्थापित BluSmart, Ola और Uber जैसे कैब सेवा प्रदाताओं को टक्कर देने के उद्देश्य से शुरू हुआ था। कंपनी ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और सैलरी-आधारित ड्राइवर सेवा का वादा किया था, जो एक अनूठा प्रस्ताव था। हालांकि, वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों ने कंपनी की प्रतिष्ठा को धूमिल किया और इसे भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसी साल, BluSmart को भी अपने परिचालन को बंद करना पड़ा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बाजार का बदलता स्वरूप और स्टार्टअप्स पर असर
साल 2025 में हुए ये Startup Closure इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय स्टार्टअप बाजार परिपक्व हो रहा है और केवल मजबूत व्यावसायिक मॉडल, पर्याप्त पूंजी और अनुकूलन क्षमता वाले स्टार्टअप ही इसमें टिक पा रहे हैं। बदलते नियामक परिदृश्य और बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने उन स्टार्टअप्स के लिए मुश्किलें पैदा की हैं जो नवाचार के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में असमर्थ रहे। यह वर्ष उन सभी उद्यमियों के लिए एक सबक है जो नए ventures शुरू करने की सोच रहे हैं, कि सिर्फ अच्छी शुरुआत ही काफी नहीं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीति और वित्तीय प्रबंधन भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

