MGNREGA Scheme: जैसे रेगिस्तान में पानी, वैसे ही गरीबों के लिए रोजगार की गारंटी, लेकिन अब इस पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। केंद्र की महत्वाकांक्षी MGNREGA Scheme को कथित रूप से खत्म करने और उसकी जगह एक नया बिल लाने के विरोध में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने साहिबगंज में मोर्चा खोल दिया है।
झामुमो केंद्रीय समिति के निर्देश पर साहिबगंज जिला समिति ने एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया। जिला अध्यक्ष अरुण सिंह के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन का संचालन केंद्रीय समिति के सदस्य संजय मिश्रा ने किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और मनरेगा योजना को फौरन बहाल करने की मांग उठाई।
क्यों बदला जा रहा है MGNREGA Scheme को?
धरने को संबोधित करते हुए झामुमो जिला अध्यक्ष अरुण सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन, ग्रामीण (वीजी राम जी बिल, 2025)’ को जबरन पारित कर गरीबों और मजलूमों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह बिल आम जनता के हित में नहीं है और यह केंद्र की भाजपा सरकार की एक साजिश है ताकि गरीबों को योजनाओं से वंचित किया जा सके। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। अरुण सिंह ने आगे कहा कि यह सरकार सिर्फ नाम बदलने की राजनीति कर रही है और इस तरह का बिल लाना उनकी गरीब-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा इस बिल का पुरजोर विरोध करती है क्योंकि यह देश की सबसे सफल रोजगार योजना में से एक को समाप्त करने का प्रयास है। पार्टी का मानना है कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
इन प्रमुख नेताओं ने भी दर्ज कराया विरोध
इस विरोध प्रदर्शन में जिला सचिव सुरेश टुडू, झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य संजीव शामु हेंब्रम, जिला परिषद अध्यक्ष मोनिका किस्कू, और केंद्रीय समिति सदस्य नजरुल इस्लाम सहित कई बड़े नेता शामिल हुए। राजाराम मरांडी, मुजीबुर रहमान, और जिला युवा मोर्चा सचिव मो. मारूफ गुड्डू ने भी केंद्र सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा की। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
धरने में विभिन्न प्रखंडों के अध्यक्ष, सचिव और कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया, जिनमें अमरनाथ यादव, अख़लाकुर रहमान, मुजम्मिल हक, जंग बहादुर सिंह, बारीक शेख, मो. अली अंसारी, बर्नाड मरांडी, गुरु हेंब्रम, और आदित्य यादव समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

