Aurangabad Liquor News: जब आरोप की आंच ग्रामीणों तक पहुंची, तो खामोशी टूट गई और न्याय की गुहार लेकर लोग एसपी के जन शिकायत दरबार में जा पहुंचे। अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए ग्रामीणों ने पुलिस के सामने दिल खोलकर बातें रखीं, जहां उन्होंने न सिर्फ आरोपों का खंडन किया, बल्कि पुलिस प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भी वादा किया।
औरंगाबाद में अवैध शराब: ग्रामीणों ने एसपी के सामने खोली पोल, बोले- हम तो पुलिस के साथ हैं!
Aurangabad Liquor News: आरोपों से घिरे ग्रामीणों का क्या है कहना?
Aurangabad Liquor News: बिहार के औरंगाबाद जिले में अवैध शराब के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच एक नया मोड़ आ गया है। जहाँ एक तरफ पुलिस सख्ती बरत रही है, वहीं कुछ ग्रामीणों ने स्वयं को बेकसूर बताते हुए एसपी कार्यालय का रुख किया है।
ग्रामीणों ने एसपी से मुलाकात कर स्पष्ट कहा, “सर, हमलोग शराब नहीं बनाते हैं और न ही इसे बेचते हैं। हम पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “यदि हम शराब बनाने या बेचने में संलिप्त पाए जाते हैं, तो आप अवश्य कार्रवाई करें। हम पुलिस प्रशासन के साथ हैं और इस लड़ाई में आपके सहयोगी हैं, अलग नहीं।” आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
अपनी बात रखते हुए कई ग्रामीणों ने बताया कि कैसे उन्हें बिना किसी ठोस सबूत के निशाना बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि कुछ लोग व्यक्तिगत रंजिश के चलते उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है और वे मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।
इस पूरे मामले पर गंभीरता दिखाते हुए एसपी ने ग्रामीणों की शिकायतों को सुना और उन्हें निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं करेगी और यदि कोई गलत तरीके से फंसाया जा रहा है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का लक्ष्य सिर्फ अवैध शराब व्यापार को रोकना है, न कि आम नागरिकों को बेवजह परेशान करना। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
ग्रामीणों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए पुलिस से गुहार लगाई कि वे निर्दोष लोगों को निशाना बनाने के बजाय असली गुनहगारों को पकड़ने पर ध्यान केंद्रित करें। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें और सच्चाई सामने लाएं।
जन शिकायत दरबार: पुलिस और जनता के बीच बढ़ता संवाद
पुलिस अधीक्षक (एसपी) के जन शिकायत दरबार का यह आयोजन दरअसल पुलिस और आम जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। ऐसे दरबारों में लोग अपनी समस्याओं को बेझिझक सामने रख पाते हैं, जिससे पुलिस को जमीनी हकीकत समझने और उसके अनुरूप रणनीति बनाने में मदद मिलती है। औरंगाबाद में यह प्रकरण दर्शाता है कि जन सहभागिता के बिना किसी भी सामाजिक बुराई, जैसे अवैध शराब के कारोबार पर पूर्ण विराम लगाना मुश्किल है। पुलिस को चाहिए कि वह ग्रामीणों के आरोपों की गंभीरता से जांच करे और यदि कोई निर्दोष है, तो उसे तत्काल राहत प्रदान करे।
यह घटना इस बात को भी उजागर करती है कि कानून प्रवर्तन के दौरान सतर्कता और संवेदनशीलता कितनी आवश्यक है, ताकि निर्दोष व्यक्ति को बेवजह परेशानी का सामना न करना पड़े। स्थानीय प्रशासन को इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखनी होगी ताकि जनता का विश्वास बना रहे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

