Bihar Cold Wave: हाड़ कंपा देने वाली सर्दी ने जिले को अपनी आगोश में ले लिया है, जहां जीवन की रफ्तार मानो थम सी गई है। पछुआ हवाओं के तीखे तेवर और ठिठुरन भरी कनकनी ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है।
पिछले एक सप्ताह से जिले में शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पछुआ हवाएं चलने के कारण कनकनी में भारी वृद्धि हुई है, जिसने लोगों की परेशानी दोगुनी कर दी है। दिनभर लोग घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं, जिसके चलते बाजारों और सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
Bihar Cold Wave का बढ़ता प्रकोप: कब मिलेगी राहत?
मौसम विभाग के अनुसार, अभी कुछ दिनों तक ठंड से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और न्यूनतम तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे बना हुआ है। सुबह और शाम के समय घना कोहरा भी देखा जा रहा है, जिससे दृश्यता कम हो गई है और वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सुबह देर तक लोग बिस्तर छोड़ने से हिचकिचा रहे हैं और शाम होते ही जल्दी घरों में कैद हो जाते हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह कड़ाके की ठंड विशेष रूप से मुश्किल साबित हो रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था अपर्याप्त होने के कारण लोग ठिठुरने को मजबूर हैं।
स्वास्थ्य पर शीतलहर का असर
चिकित्सकों ने शीतलहर और कड़ाके की ठंड को देखते हुए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। सर्दी, खांसी, जुकाम और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हृदय रोगी और उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। गर्म कपड़े पहनने, गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने और अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जा रही है।
जिला प्रशासन द्वारा हालांकि कुछ सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह आबादी के अनुपात में नाकाफी साबित हो रही है। कई सामाजिक संगठन भी गरीबों और बेघर लोगों के लिए कंबल वितरण अभियान चला रहे हैं, जो इस भयंकर सर्दी में एक बड़ी राहत प्रदान कर रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
प्रशासनिक तैयारी और बचाव के उपाय
प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को अगले कुछ दिनों के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया है, ताकि बच्चों को ठंड के प्रकोप से बचाया जा सके। रेलवे और बस अड्डों पर भी यात्रियों की संख्या में कमी देखी जा रही है, क्योंकि लोग बहुत जरूरी काम होने पर ही यात्रा कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यदि ठंड का यही आलम रहा, तो जनजीवन और भी प्रभावित हो सकता है, जिसके लिए प्रशासन को और अधिक सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है।



