DMCH theft: अस्पताल, जहां जान बचाने की उम्मीदें पलती हैं, वहीं अब एक नया मर्ज पनप रहा है – चोरी का। दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) परिसर अब महिला चोर गिरोहों का नया अड्डा बन चुका है, जहां मरीजों और उनके तीमारदारों की नींद हराम हो गई है।
DMCH theft: दरभंगा डीएमसीएच में महिला चोर गिरोह का आतंक, मरीजों और तीमारदारों का जीना मुहाल
DMCH theft: बढ़ती वारदातों से सुरक्षा पर उठे सवाल
दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) में इन दिनों महिला चोर गिरोहों की सक्रियता चरम पर है। अस्पताल परिसर के अंदर, वार्डों में और यहां तक कि इमरजेंसी गेट के पास भी ये गिरोह अपनी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। खासकर मरीजों के साथ आए तीमारदार और दूरदराज से इलाज कराने आए ग्रामीण मरीज इन चोरों का आसान निशाना बन रहे हैं। आए दिन मोबाइल और नकदी की चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे अस्पताल प्रशासन और स्थानीय पुलिस पर सवाल खड़े हो गए हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इन वारदातों से अस्पताल में पहले से ही तनावग्रस्त माहौल और भी भयावह हो गया है। कई बार पीड़ितों को पता ही नहीं चलता कि उनकी चीजें कब गायब हो गईं, क्योंकि ये चोर इतनी सफाई से हाथ साफ करते हैं।
इन चोरियों में सबसे अधिक मामले मोबाइल चोरी के हैं, जो मरीजों और उनके परिजनों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन रहे हैं। एक तरफ जहां लोग अपनों के इलाज की चिंता में डूबे रहते हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हें अपनी सामान की सुरक्षा की फिक्र सताती रहती है। ये गिरोह अक्सर भीड़भाड़ वाले इलाकों या उन जगहों को निशाना बनाते हैं, जहां लोग थोड़े लापरवाह होते हैं या अपनी बीमारियों के कारण ध्यान नहीं दे पाते।
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हाल ही में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें महिला चोरों ने न केवल मोबाइल बल्कि पर्स और अन्य कीमती सामान भी चुराए हैं। अस्पताल प्रबंधन को इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि मरीजों और उनके साथ आने वाले लोगों को एक सुरक्षित माहौल मिल सके। यह केवल एक संपत्ति की हानि नहीं, बल्कि विश्वास का संकट भी है।
पीड़ितों की आपबीती और प्रशासन की चुप्पी
कई पीड़ितों ने बताया कि कैसे पलक झपकते ही उनके बैग से या जेब से मोबाइल गायब हो गए। अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे भी इन चोरों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रहे हैं, या तो कैमरे खराब हैं या चोर इतने शातिर हैं कि उनकी पकड़ में नहीं आ पाते। सुरक्षा गार्डों की तैनाती होने के बावजूद ऐसी घटनाओं का लगातार होना चिंताजनक है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
स्थानीय पुलिस को भी इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और महिला चोर गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। सिर्फ एफआईआर दर्ज कर लेने से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि इन गिरोहों को जड़ से खत्म करने की जरूरत है। अस्पताल आने वाले लोगों को भी अपनी कीमती चीजों के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति पर नजर रखनी चाहिए। यह बेहद जरूरी है कि अस्पताल एक सुरक्षित स्थान बना रहे, न कि चोरों का गढ़। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

