New Year 2026: नववर्ष का आगमन अपने साथ नई ऊर्जा, नए संकल्प और जीवन में शुभता के संचार की कामना लेकर आता है। ऐसे पावन अवसर पर हमारी जीवनशैली और खान-पान का कैसा प्रभाव होता है, यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
New Year 2026: क्या नववर्ष के पहले दिन मांसाहार करना शुभ है या नहीं?
नववर्ष की शुरुआत को लेकर समाज में कई तरह की New Year 2026 की धारणाएं प्रचलित हैं। यह दिन केवल कैलेंडर का बदल जाना नहीं है, बल्कि यह स्वयं के भीतर नए विचारों और सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने का भी अवसर है। ज्योतिष शास्त्र और पौराणिक धार्मिक मान्यताएं बताती हैं कि वर्ष का पहला दिन हमारे पूरे साल पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
हिंदू धर्म में, किसी भी शुभ कार्य या पर्व की शुरुआत सात्विक और पवित्रता के साथ करने का विधान है। नया साल भी एक तरह से नए आरंभ का महापर्व है। इस दिन मन, वचन और कर्म की पवित्रता बनाए रखने से पूरे वर्ष शुभता बनी रहती है। मांसाहार को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है, जिसका सेवन मन में चंचलता और अशांति उत्पन्न कर सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इसलिए, आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, वर्ष के पहले दिन मांसाहार का सेवन करने से बचने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो बीज हम वर्ष के प्रारंभ में बोते हैं, वही फल हमें पूरे साल प्राप्त होते हैं। सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता के साथ शुरुआत करना ही श्रेयस्कर है।
नववर्ष की शुभ शुरुआत और New Year 2026 का महत्व
नववर्ष के प्रथम दिन हमें अपने विचारों और आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सात्विक भोजन, जैसे फल, सब्जियां, दूध और अनाज का सेवन मन को शांत और शुद्ध रखता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी आवश्यक है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। वर्ष की शुरुआत में दान-पुण्य करना, मंदिरों में दर्शन करना और अपने इष्टदेव का स्मरण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह क्रियाएं व्यक्ति के कर्मफल को सकारात्मक दिशा प्रदान करती हैं और पूरे साल सुख-समृद्धि बनी रहती हैं।
निष्कर्षतः, प्राचीन शास्त्रों और आध्यात्मिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नववर्ष के पहले दिन मांसाहार का सेवन शुभ नहीं माना जाता है। सात्विक आहार और पवित्र विचारों के साथ ही नए वर्ष का स्वागत करना चाहिए ताकि पूरे साल जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो। यह केवल एक दिन की बात नहीं, बल्कि यह पूरे वर्ष के लिए एक सकारात्मक नींव रखने का संकल्प है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
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