Railway Security: रेल की पटरियों पर चलती उम्मीदों के बीच, जब सुरक्षा की दीवारें दरकने लगें, तब सवाल गहराना लाज़मी है। बिहार के पीएचईडी मंत्री के भाई का कीमती पार्सल चलती ट्रेन से गायब होना, रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
भारतीय रेल, देश की जीवनरेखा मानी जाती है, लेकिन जब चलती ट्रेन से लाखों का सामान गायब हो जाए, तो यात्रियों की सुरक्षा और उनके भरोसे पर सवाल उठना स्वाभाविक है। ताजा मामला बिहार से सामने आया है, जहाँ राज्य के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) मंत्री के भाई का एक कीमती पार्सल टाटा-थावे एक्सप्रेस से रहस्यमय तरीके से गायब हो गया। इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
Railway Security: टाटानगर-थावे एक्सप्रेस में सेंध, क्या सुरक्षित नहीं भारतीय रेल?
जानकारी के अनुसार, बिहार के पीएचईडी मंत्री के भाई ने टाटा-थावे एक्सप्रेस में अपना कीमती लेदर गुड्स का पार्सल बुक कराया था। इस पार्सल की अनुमानित कीमत करीब 5 लाख रुपये बताई जा रही है। यात्रा के दौरान, जब गंतव्य पर पार्सल लेने की बारी आई तो वह रहस्यमय तरीके से गायब मिला। इस चौंकाने वाली घटना से रेलवे महकमे में हड़कंप मच गया है। मंत्री के भाई ने तत्काल इसकी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद से रेलवे प्रशासन जांच में जुट गया है। यह अकेला मामला नहीं है, बल्कि ऐसी पार्सल चोरी की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं, जो यात्रियों के सामान की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा करती हैं।
यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति के नुकसान का मामला नहीं है, बल्कि यह देशभर में ट्रेनों में सामान लेकर यात्रा करने वाले लाखों लोगों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यदि मंत्री के भाई जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति का सामान चलती ट्रेन से सुरक्षित नहीं रह सकता, तो आम यात्रियों के लिए क्या गारंटी है? रेलवे को अपनी पार्सल और यात्री सुरक्षा नीति पर गंभीरता से पुनर्विचार करना होगा। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
जांच के घेरे में रेलवे प्रशासन और आगे की कार्रवाई
इस घटना के बाद, रेलवे पुलिस और संबंधित अधिकारी मामले की जांच में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। हालांकि, अभी तक पार्सल का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। यह घटना रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और राजकीय रेल पुलिस (GRP) दोनों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। अक्सर देखा जाता है कि ट्रेन में सामान की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त इंतजाम नहीं होते, जिसका फायदा उठाकर अपराधी आसानी से अपने मंसूबों को अंजाम दे देते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
मंत्री के भाई द्वारा की गई शिकायत के बाद, उच्चाधिकारी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि भारतीय रेलवे को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में तत्काल कदम उठाने की जरूरत है, ताकि यात्रियों का सामान और उनकी यात्रा दोनों सुरक्षित रहें। इस तरह की पार्सल चोरी पर लगाम लगाना अत्यंत आवश्यक है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।




