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दिसम्बर, 28, 2025

Dehradun Racial Attack: त्रिपुरा के एमबीए छात्र एंजेल चकमा की मौत पर उबाल, न्याय की आस!

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Dehradun Racial Attack: उत्तराखंड की शांत वादियाँ, जहाँ अक्सर प्रकृति की सौम्यता छाई रहती है, आज एक स्याह सच से रूबरू हैं। देवभूमि में इंसानियत की दरिंदगी ने एक युवा जीवन को निगल लिया। यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि समाज में पनप रही जातीय वैमनस्यता का एक कड़वा प्रतीक है।

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Dehradun Racial Attack : त्रिपुरा के एमबीए छात्र एंजेल चकमा की मौत पर उबाल, न्याय की आस!

Dehradun Racial Attack: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक भयावह घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। त्रिपुरा के 24 वर्षीय एमबीए छात्र एंजेल चकमा की नस्लीय हमले में घायल होने के दो सप्ताह बाद दुखद मौत हो गई, जिससे पूर्वोत्तर राज्यों में भारी आक्रोश फैल गया है। इस मामले में पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी अभी भी फरार है।

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देहरादून नस्लीय हमला: क्या थी पूरी घटना?

यह दर्दनाक घटना 9 दिसंबर की शाम देहरादून के सेलाकुई इलाके के एक स्थानीय बाजार में घटित हुई थी। एंजेल चकमा अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ बाजार गए थे, तभी बदमाशों के एक गुट ने उन पर नस्लीय टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं। हमलावर उन्हें बार-बार ‘चीनी’ कहकर चिढ़ा रहे थे।
एंजेल के भाई माइकल के अनुसार, एंजेल ने हमलावरों को मजबूती से जवाब देते हुए कहा था, ‘हम चीनी नहीं, भारतीय हैं। हमें यह साबित करने के लिए कौन सा सर्टिफिकेट दिखाना होगा?’ इस तीखी बहस के बाद बदमाशों ने चाकू और अन्य धारदार हथियारों से दोनों भाइयों पर जानलेवा हमला कर दिया। इस घटना ने एक बार फिर पूर्वोत्तर छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
एंजेल को गंभीर हालत में ग्राफिक एरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 17 दिनों तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ने के बाद शुक्रवार (26 दिसंबर) को उन्होंने दम तोड़ दिया। उनकी मौत के बाद पुलिस ने मामले में हत्या की धाराएं जोड़ दी हैं, जिससे दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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पांच आरोपी गिरफ्तार, मुख्य फरार

एसपी प्रमोद कुमार ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर अब तक पांच आरोपियों को पकड़ा है। गिरफ्तार आरोपियों अविनाश नेगी, सूरज खवास और सुमित को जेल भेज दिया गया है, जबकि दो आरोपी नाबालिग होने के कारण सुधार गृह भेजे गए हैं। पुलिस इस मामले में कोई ढिलाई नहीं बरत रही है, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
पुलिस के अनुसार, एक मुख्य आरोपी, जो नेपाल का रहने वाला है, फिलहाल फरार है और उसकी तलाश जारी है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया है। प्रशासन ने दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया है ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान

इस दुखद घटना पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने तत्काल संज्ञान लिया है। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और सख्त कार्रवाई का आश्वासन प्राप्त किया। साहा ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी देते हुए पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा। पूर्वोत्तर छात्र समुदाय इस मामले में न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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