Unnao Rape Case: कानून के गलियारों में न्याय की धीमी चाल अक्सर पीड़िताओं के सब्र की परीक्षा लेती है, लेकिन कुछ फैसले ऐसे होते हैं जो पूरे सिस्टम पर सवाल उठाते हैं। इस बार निगाहें देश की सबसे बड़ी अदालत पर टिकी हैं।
Unnao Rape Case: कुलदीप सेंगर की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई का दांव, क्या पलटेगा हाई कोर्ट का फैसला?
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की उस याचिका पर सुनवाई करने वाला है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर की सजा को निलंबित करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। हाई कोर्ट ने हाल ही में सेंगर की उम्रकैद की सजा पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद उसके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया था। अब सीबीआई ने इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
यह मामला देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। हाई कोर्ट के इस फैसले ने न्याय व्यवस्था पर कई सवाल खड़े किए थे और अब सीबीआई की यह पहल एक नई उम्मीद जगा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
Unnao Rape Case: हाई कोर्ट के फैसले पर सीबीआई का वार
सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच इस संवेदनशील मामले की सुनवाई करेगी, जिसमें मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल हैं। इस बेंच की निगाहें अब हाई कोर्ट के उस तर्क पर होंगी, जिसके आधार पर सेंगर की सजा निलंबित की गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर की सजा पर रोक लगाते हुए यह दलील दी थी कि सेंगर पहले ही सात साल और पांच महीने जेल में बिता चुका है। सेंगर फिलहाल उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। सीबीआई का स्पष्ट मानना है कि ऐसे जघन्य अपराध के दोषी को जेल से बाहर रखना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। सीबीआई इस CBI Challenge के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पीड़ित को न्याय मिले।
सीबीआई का तर्क है कि जिस अपराध के लिए सेंगर को दोषी ठहराया गया है, उसकी गंभीरता को देखते हुए सजा का निलंबन उचित नहीं है। यह CBI Challenge न केवल सेंगर की रिहाई को रोकने का प्रयास है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि देश में गंभीर अपराधों के दोषियों को आसानी से राहत न मिले। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
पीड़िता की न्याय की पुकार
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले, पीड़िता ने अपनी सुरक्षा और न्याय को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उसने कहा, ‘मेरे पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को मार दिया गया। अब मेरी और गवाहों की सुरक्षा भी हटा दी गई है, मेरे बच्चे घर पर असुरक्षित हैं।’ पीड़िता का दर्द हर उस शख्स को झकझोर रहा है, जो न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है।
पीड़िता ने अपनी बात रखते हुए कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट मुझे न्याय देगा। उसकी (सेंगर की) जमानत खारिज होनी चाहिए, उसने न केवल मेरा बलात्कार किया बल्कि मेरे पूरे परिवार को तबाह कर दिया।’ पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति को नौकरी से निकाल दिया गया है और वह हर उस महिला के लिए आवाज उठा रही है जिसके साथ अन्याय हुआ है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



