Sitamarhi News: रात की खामोशी में अलाव की एक मामूली चिंगारी ने ऐसा तांडव मचाया कि हंसते-खेलते तीन परिवारों का आशियाना और उनकी रोजी-रोटी पल भर में राख हो गई। यह सिर्फ आग नहीं, बल्कि सपनों का जलना था।
सरखौली गांव में Sitamarhi News: अलाव की चिंगारी बनी काल
थाना क्षेत्र की कठौर पंचायत के सरखौली गांव के वार्ड नंबर एक में शनिवार की देर रात करीब 12 बजे अलाव की एक छोटी सी चिंगारी ने भीषण रूप ले लिया। देखते ही देखते आग ने तीन घरों को अपनी चपेट में ले लिया और सबकुछ खाक कर दिया। इस दुखद घटना में न केवल बेजुबान मवेशी मारे गए, बल्कि दो लोग बुरी तरह झुलस भी गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। यह हादसा उस समय हुआ जब सभी लोग गहरी नींद में सोए हुए थे। आग की लपटें इतनी तेज़ थीं कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। लोग अपनी जान बचाने और आग बुझाने में जुट गए। स्थानीय लोगों की मदद से काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस दुखद आगलगी से प्रभावित परिवारों के सामने अब सिर छुपाने की जगह और खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस सहायता नहीं पहुंची है, जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
इस अग्निकांड में तीन परिवारों के घरों का सारा सामान जलकर राख हो गया। घर में रखा अनाज, कपड़े, बर्तन और अन्य जरूरी सामान पूरी तरह से जलकर नष्ट हो गए। इसके साथ ही, इन गरीब परिवारों की आय का मुख्य स्रोत रहीं 15 बकरियां भी आग की भेंट चढ़ गईं। बकरियों के जलने से इन परिवारों की आर्थिक कमर टूट गई है। ग्रामीण इस हृदयविदारक घटना से स्तब्ध हैं और प्रभावितों के लिए सरकारी मदद की गुहार लगा रहे हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें (https://deshajtimes.com/news/national/)
प्रभावितों की बढ़ी मुश्किलें: सरकारी मदद का इंतजार
दो लोग आग की चपेट में आने से झुलस गए, जिनका इलाज जारी है। उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है, लेकिन उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर गहरा आघात पहुंचा है। ग्रामीण बताते हैं कि इस तरह की आगलगी की घटनाएं ग्रामीण इलाकों में अक्सर होती रहती हैं, खासकर सर्दियों में अलाव जलाने से सावधानी नहीं बरती जाती। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए लोगों को और अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत मुहैया कराने की मांग की जा रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण, मवेशियों की क्षतिपूर्ति और झुलसे हुए लोगों के इलाज का खर्च उठाने की अपील की है। यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और जागरूकता की कमी को उजागर करती है। उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और प्रभावितों को जल्द से जल्द न्याय व सहायता प्रदान करेगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



