Darbhanga News: ऐतिहासिक धरोहरों को नया जीवन देने की कवायदें अक्सर सुखद होती हैं, और जब बात न्याय के मंदिर से जुड़ी हो, तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। दशकों से बेहाल एक भवन अब फिर से वकीलों की कर्मभूमि बनने को तैयार है, जिसका जीर्णोद्धार नव वर्ष में एक नई उम्मीद जगा रहा है।दरभंगा जिले के अस्तित्व में आने से तीन दशक पूर्व निर्मित मुख्तारखाना (बार एसोसिएशन भवन संख्या 2) के जीर्णोद्धार की बहुप्रतीक्षित आस अब पूरी होने जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। गत 27 दिसंबर से ही बार एसोसिएशन ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है, और 180 वर्ष पुराने इस जर्जर भवन का जीर्णोद्धार कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार चौधरी ने बताया कि दरभंगा जिला वर्ष 1875 में अस्तित्व में आया था, जबकि दरभंगा सदर अनुमंडल इससे भी पहले, यानी 1845 में गठित हुआ था। वर्ष 1845 से 31 मार्च 1974 तक एसडीओ ही एसडीएम के रूप में मुकदमों का संज्ञान लिया करते थे। इसी दौरान, न्यायपालिका के संचालन के साथ ही मुख्तारों (वकीलों) के बैठने की सुविधा के लिए 1845 में मुख्तारखाना भवन का निर्माण कराया गया था। इस परिसर में 1845 से मार्च 1974 तक मुकदमों के पक्षकारों की भारी भीड़ उमड़ती थी।
Darbhanga News: 180 साल पुराने मुख्तारखाना भवन का जीर्णोद्धार जारी
जिला न्यायालय का गठन 1906 में होने के बाद, जिला न्यायालय प्रांगण में एक अधिवक्ता भवन भी निर्मित हुआ। हालांकि, सैकड़ों अधिवक्ता भवन संख्या 2 (मुख्तारखाना भवन) में बैठकर ही अपने पक्षकारों का न्यायिक कार्य संपादित करते रहे।वर्तमान में, अधिवक्ता संघ में लगभग 2200 अधिवक्ता पंजीकृत हैं। भवन संख्या 1 में इन सभी अधिवक्ताओं के बैठने की व्यवस्था में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। अपने सदस्य अधिवक्ताओं की सहूलियत को देखते हुए, संघ ने भवन संख्या 2 के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
नए साल 2026 तक भवन का जीर्णोद्धार पूरा करने का लक्ष्य
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रधर मल्लिक ने बताया कि इस भवन का जीर्णोद्धार नए साल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नए भवन का जीर्णोद्धार कार्य अत्यंत शीघ्रता से पूर्ण किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण कार्य को लेकर दो हजार से अधिक सदस्य अधिवक्ता बेहद उत्साहित हैं। यह पहल न केवल एक ऐतिहासिक भवन को नया जीवन देगी, बल्कि दरभंगा की न्यायिक व्यवस्था से जुड़े हजारों लोगों के लिए बेहतर कार्यस्थल भी उपलब्ध कराएगी। यह एक ऐसा कदम है, जो न्याय के प्रति हमारे समर्पण और अतीत के सम्मान का प्रतीक है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।



