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दिसम्बर, 29, 2025

Shani Sade Sati 2026: वर्ष 2026 में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का राशियों पर प्रभाव

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Shani Sade Sati 2026: सनातन धर्म में कर्मफल दाता शनिदेव का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी दृष्टि मात्र से व्यक्ति के जीवन में बड़े बदलाव आ सकते हैं। सन् 2026 में शनि अपनी विशेष स्थिति में रहेंगे, जिससे कई राशियों पर साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव देखने को मिलेगा। यह समय धैर्य, आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक उन्नति का हो सकता है।

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Shani Sade Sati 2026: वर्ष 2026 में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का राशियों पर प्रभाव

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कर्मफल के देवता भगवान शनिदेव अपनी धीमी चाल के लिए जाने जाते हैं, और उनकी साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव किसी भी राशि के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आता है। वर्ष 2026 ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, कुछ राशियों के लिए शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से युक्त रहेगा। इस अवधि में व्यक्ति के करियर, आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य और संबंधों पर गहरा असर डाल सकती है। हम यहां विस्तृत रूप से जानेंगे कि कौन सी राशियाँ इस दौरान शनि के प्रभाव में रहेंगी और उनसे मिलने वाली चुनौतियों एवं राहत के लिए क्या ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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Shani Sade Sati 2026: कौन सी राशियाँ होंगी प्रभावित और क्या होगा असर?

वर्ष 2026 में शनि देव कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे, जिसके कारण निम्नलिखित राशियाँ उनकी साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में होंगी:

शनि की साढ़ेसाती:

मकर राशि (अंतिम चरण): मकर राशि वालों के लिए यह साढ़ेसाती का अंतिम चरण होगा। इस दौरान उन्हें पिछले कर्मों के फल प्राप्त होंगे और संघर्षों में कमी आ सकती है। हालाँकि, धैर्य बनाए रखना आवश्यक है।

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कुंभ राशि (मध्य चरण): कुंभ राशि वालों पर साढ़ेसाती का मध्य और सबसे तीव्र चरण रहेगा। इस अवधि में उन्हें करियर में उतार-चढ़ाव, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ, मानसिक तनाव और आर्थिक चुनौतियाँ झेलनी पड़ सकती हैं। संबंधों में भी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
मीन राशि (प्रथम चरण): मीन राशि वालों के लिए साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। यह अवधि धीमी गति से बदलाव लाएगी और आने वाले समय के लिए आधार तैयार करेगी। शुरुआत में अनजान भय, खर्चों में वृद्धि और अनावश्यक यात्राएँ हो सकती हैं।

शनि की ढैय्या:

कर्क राशि:कर्क राशि वालों पर शनि की ढैय्या रहेगी। इस दौरान उन्हें कार्यक्षेत्र में बाधाएँ, आर्थिक तंगी और पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ सकता है।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि पर भी शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा। यह अवधि स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ, अनावश्यक विवाद और कार्यों में विलंब ला सकती है।

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शनि के प्रभाव से जीवन पर असर

शनि का प्रभाव व्यक्ति को अनुशासन, जिम्मेदारी और कर्मों के प्रति सचेत करता है। साढ़ेसाती और ढैय्या की अवधि में जातक को अपनी गलतियों से सीखने और स्वयं को सुधारने का अवसर मिलता है। इस दौरान करियर में चुनौती, धन हानि की संभावना, रिश्तों में खटास और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ आम हो सकती हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह समय आपको अपनी सहनशीलता और आंतरिक शक्ति का परिचय देता है।

शनि के अशुभ प्रभावों से राहत पाने के सरल उपाय

शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय बेहद प्रभावी माने जाते हैं। इन उपायों को श्रद्धापूर्वक करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं:

शनिवार के व्रत और पूजा: प्रत्येक शनिवार को शनिदेव की पूजा करें और व्रत रखें। शनि चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है।
दान-पुण्य:गरीबों और जरूरतमंदों को काला तिल, उड़द दाल, सरसों का तेल, काले वस्त्र और लोहे की वस्तुएँ दान करें।
हनुमान जी की उपासना: हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से शनिदेव के क्रोध से मुक्ति मिलती है, क्योंकि शनिदेव स्वयं हनुमान भक्त हैं।
पीपल वृक्ष की सेवा:शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना और उसकी सात बार परिक्रमा करना शुभ माना जाता है।
शनि मंत्र का जाप: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।
व्यवहार में सुधार:अपने बड़ों का सम्मान करें, कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार करें और किसी भी प्रकार के अन्याय से बचें। न्यायप्रियता शनिदेव को अत्यंत प्रिय है।
रत्न धारण:किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह पर नीलम रत्न धारण किया जा सकता है, किंतु बिना सलाह के कभी धारण न करें।

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शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का समय चुनौतीपूर्ण भले ही हो, लेकिन यह आत्म-सुधार और आध्यात्मिक विकास का भी एक महत्वपूर्ण चरण होता है। धैर्य, सत्कर्म और सही ज्योतिषीय उपाय के साथ इस अवधि को सफलतापूर्वक पार किया जा सकता है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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