Bihar Electricity: विकास की नई बयार में, बिहार अब बिजली के तारों के जाल से मुक्त होकर एक सुरक्षित और आधुनिक ऊर्जा प्रणाली की ओर कदम बढ़ा रहा है। प्रदेश के लाखों घरों को रोशन करने की यह पहल एक बड़ा बदलाव लाएगी।
Bihar Electricity: अंडरग्राउंड केबलिंग क्यों है ज़रूरी?
राज्य सरकार ने बिहार में लगभग 8 लाख उपभोक्ताओं को भूमिगत केबल के माध्यम से बिजली प्रदान करने का एक महत्वाकांक्षी निर्णय लिया है। यह पहल न केवल बिजली आपूर्ति को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि बिना किसी रुकावट के लगातार बिजली मिलने को भी सुनिश्चित करेगी। इस पूरी परियोजना की अनुमानित लागत करीब 292 करोड़ रुपये आंकी गई है, जो प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा निवेश है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस कदम से शहरों और कस्बों में बिजली के तारों के उलझे हुए जाल से मुक्ति मिलेगी, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा और शहरी सौंदर्य भी बढ़ेगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
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परियोजना का उद्देश्य और लाभ
भूमिगत केबल प्रणाली से तूफान, भारी बारिश या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बिजली कटने की घटनाओं में भारी कमी आएगी। यह स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और विश्वसनीय सेवाएं प्राथमिकता होती हैं। अधिकारियों के मुताबिक, इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और निर्धारित समय-सीमा के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग जल्द से जल्द इस आधुनिक बिजली आपूर्ति प्रणाली का लाभ उठा सकें। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह सुरक्षित और निर्बाध बिजली आपूर्ति की दिशा में बिहार सरकार का एक सराहनीय प्रयास है।







