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दिसम्बर, 29, 2025

Digital Gold: डिजिटल गोल्ड में रिकॉर्ड तोड़ निवेश भारतीय बाजार में चमकता नया ट्रेंड

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Digital Gold: भारतीय निवेशकों के बीच डिजिटल गोल्ड में निवेश का एक नया ट्रेंड तेजी से उभर रहा है, खासकर युवा पीढ़ी और छोटे निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बन गया है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के ताजा आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 में भारतीय बाजार ने डिजिटल गोल्ड में रिकॉर्ड-तोड़ निवेश दर्ज किया है, जो इस प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है।

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जनवरी से नवंबर के बीच, निवेशकों ने लगभग 12 टन डिजिटल गोल्ड खरीदा, जिसकी मौजूदा बाजार कीमत लगभग ₹16,600 करोड़ है। यह आंकड़ा पारंपरिक सोने में निवेश के बजाय डिजिटल माध्यमों की ओर बढ़ते रुझान को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

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Paytm और PhonePe जैसे UPI ऐप्स के माध्यम से केवल ₹10 से ₹51 जैसी छोटी रकम से भी सोना खरीदने की सुविधा ने इसे आम रिटेल निवेशकों के लिए बेहद सुलभ बना दिया है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इसने सोने में निवेश को पहले से कहीं अधिक लोकतांत्रिक बना दिया है, जिससे बड़ी संख्या में लोग बिना किसी झंझट के इस कीमती धातु में अपनी बचत लगा पा रहे हैं।

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डिजिटल गोल्ड में निवेश के फायदे और बढ़ते जोखिम

हालांकि, इस तेजी के साथ कुछ महत्वपूर्ण चेतावनियां भी जुड़ी हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल गोल्ड वर्तमान में पूरी तरह से विनियमित नहीं है। इसका मतलब है कि इसे बेचने वाली कंपनियां SEBI के नियामक दायरे से बाहर हैं, जिससे निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ जाता है।

धोखाधड़ी या कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में, निवेशकों को किसी भी प्रकार की नियामक सुरक्षा नहीं मिलेगी। रियल-टाइम बिजनेस – टेक्नोलॉजी खबरों के लिए यहां क्लिक करें।

कई प्लेटफॉर्म खरीदे गए डिजिटल गोल्ड के बदले भौतिक भंडार (physical reserve) भी नहीं रखते हैं, जो इस निवेश की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। ऐसी स्थिति में, यदि बेचने वाली कंपनी विफल हो जाती है, तो निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प

विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को डिजिटल गोल्ड में निवेश करने से पहले इसकी पूरी जानकारी लेनी चाहिए और केवल विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का ही चुनाव करना चाहिए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। सुरक्षित निवेश विकल्पों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGBs) या गोल्ड ईटीएफ (ETFs) शामिल हैं, जो SEBI द्वारा विनियमित होते हैं और अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं।

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डिजिटल गोल्ड भारतीय निवेश बाजार में एक शक्तिशाली शक्ति के रूप में उभरा है, विशेष रूप से युवा और तकनीकी-प्रेमी निवेशकों के लिए। हालांकि, नियामक स्पष्टता की कमी और संबंधित जोखिमों को देखते हुए सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। निवेशकों को अपने निवेश पोर्टफोलियो का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना चाहिए और सुरक्षित, विनियमित विकल्पों को प्राथमिकता देनी चाहिए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।

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