Pune Municipal Elections: सियासी समर में नई बिसात बिछ चुकी है, जहां पुराने प्रतिद्वंद्वी भी कंधे से कंधा मिलाकर भविष्य की राजनीति की पटकथा लिख रहे हैं।
Pune Municipal Elections: पुणे महानगरपालिका चुनाव में शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस ने मिलाया हाथ, क्या बदलेगी सियासी तस्वीर?
Pune Municipal Elections: पुणे में नए राजनीतिक समीकरण की आहट
Pune Municipal Elections: महाराष्ट्र की राजनीति में आगामी नगर निगम चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। पुणे में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और कांग्रेस ने आगामी महानगरपालिका चुनावों में संयुक्त रूप से लड़ने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। यह घोषणा वरिष्ठ नेता सतेज पाटिल और सचिन अहीर ने की, जिसने सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। प्रारंभिक सीट-बंटवारे के समझौते के अनुसार, पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) की कुल 160 सीटों में से कांग्रेस 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। शेष 55 सीटों के आवंटन को लेकर दोनों दलों के बीच गहन बातचीत जारी है, और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सीट बंटवारे को लेकर और अधिक स्पष्टता आएगी। यह राजनीतिक गठबंधन राज्य की भावी राजनीति की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पिंपरी-चिंचवाड़ में परिवार का पुनर्मिलन और चुनावी रणनीति
हाल ही में, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम चुनाव के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार गुट) के बीच गठबंधन की घोषणा की। अजीत पवार ने इस गठबंधन को “परिवार का पुनर्मिलन” बताया, जिससे यह संकेत मिलता है कि पवार परिवार के दोनों गुट एक बार फिर चुनावी मैदान में साथ होंगे। रविवार को पिंपरी-चिंचवाड़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अजीत पवार ने बताया कि उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देते समय, दोनों गुटों ने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “इसी वजह से परिवार एक बार फिर एकजुट होगा। लोगों के मन में कई सवाल थे कि आगे क्या होगा; कई बार महाराष्ट्र के विकास के हित में कुछ फैसले लेने पड़ते हैं।” मैंने यहां के नेताओं के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा की है और इसकी घोषणा भी जल्द ही की जाएगी। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह रणनीतिक कदम दोनों क्षेत्रों में भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।





